Pune : थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने बुधवार को कहा कि कोई भी देश नवीनतम अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को साझा करने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि देश की सुरक्षा न तो आउटसोर्स की जा सकती है और न ही दूसरों की उदारता पर निर्भर रहा जा सकता है. सेनाध्यक्ष महाराष्ट्र के पुणे शहर में आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के स्थापना दिवस के मौके पर बोल रहे थे.

इसे भी पढ़ें : Budget 2023: पीएम ने बजट के फायदे ही फायदे गिनाये, कहा, मजबूत भारत की नींव बनेगी
रूस-यूक्रेन संघर्ष से कुछ प्रमुख तथ्य सामने आये हैं
उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष से कुछ प्रमुख तथ्य सामने आये हैं. इनमें विषम युद्ध के प्रभाव, सूचना युद्ध की शक्ति, डिजिटल तौर पर मजबूती, आर्थिक ताकत का हथियार के तौर पर उपयोग करना कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जो प्रद्यौगिकी दक्षता होने की वजह से युद्ध में अहम भूमिका निभाते नजर आये हैं.
उन्होंने कहा कि विषमताओं के बावजूद मौजूदा समय में सुरक्षा तकनीकी बढ़त पर निर्भर है. उन्होंने कहा, कोई भी देश नवीनतम, अत्याधुनिक तकनीकों को साझा करने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए इसका तात्पर्य है कि राष्ट्र की सुरक्षा को न तो आउटसोर्स किया जा सकता है और न ही दूसरों की उदारता पर निर्भर रहा जा सकता है.
इसे भी पढ़ें : पी चिदंबरम ने मोदी सरकार के इकोनॉमिक सर्वे को नकारात्मक कहा, सरकार रियरव्यू मिरर से देख रही है…
निवेश अनुसंधान और विकास एक रणनीतिक अनिवार्यता है
महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता और निवेश अनुसंधान और विकास एक रणनीतिक अनिवार्यता है जिसे अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. सेनाध्यक्ष के अनुसार भारतीय सेना इन वास्तविकताओं से अवगत है. उन्होंने कहा, “हमने यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है कि हमारी क्षमताओं का विकास आत्मनिर्भरता के सिद्धांतों और विशिष्ट तकनीकों के लाभ पर आधारित हो और भारतीय सेना इन दोनों पहलुओं पर ठोस कदम उठा रही है.

सेना प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया नारा जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान समकालीन वास्तविकता को बेहतर तरीके से व्यक्त करता है और अनुसंधान और नवाचार के महत्व को रेखांकित करता है.

