Deoghar : 15 अक्टूबर से नदियों से बालू खनन पर एनजीटी की लगाई गई रोक हटा ली जाएगी. बगैर सरकारी चालान के बालू का उठाव नहीं हो पाएगा. इसे लेकर विभाग ने अभी से ही कमर कस लिया है.
जिले में पांच बड़े बालू घाट और ग्राम पंचायतों में 8 बालू घाट सरकारी है. पांच बड़े बालू घाटों में देवघर शहर से सटे जसीडीह इलाके में बसंतपुर बालू घाट इकलौता है. वहीं चार बालू घाट सारठ, करौं और मार्गो मुंडा में है. देवघर शहर में बालू की डिमांड सबसे ज्यादा है. बावजूद यहां सरकारों बालू घाट की संख्या कम है. लिहाजा 15 अक्टूबर के बाद पांच बड़े बालू घाट के साथ 8 ग्राम पंचायतों के बालू घाट चालू हो जाएंगे. पांच बड़े बालू घाटों से ऑनलाइन चालान के साथ बालू की आपूर्ति होगी. जबकि ग्राम पंचायतों के 8 बालू घाटों से चालान के साथ प्रखंड स्तर तक बालू की आपूर्ति होगी.
ज्ञात हो कि 4 वर्ष पहले खनन विभाग ने जिले में 40 बालू घाटों को चिन्हित कर प्रस्ताव मुख्यालय भेजा था. इसमें 5 ही बालू घाट की स्वीकृति मिली थी. उसके बाद 15 बालू घाट को चिन्हित किया गया. इसमें मात्र आठ बालू घाट पंचायत के अधीन किए गए. शेष 7 बालू घाट वन विभाग की जमीन के कारण रिजेक्ट हो गए थे.
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