Dhanbad: धनबाद (Dhanbad) बरसात का मौसम आ चुका है. ऐसे में अब कुत्ता काटने की वारदात बढ़ सकती है. सड़क पर चलते लोगों का कुत्ते पीछा करने लगे हैं. मॉर्निग वाक या दौड़ लगाने वाले, बाइक चला रहे लोग सावधान नहीं रहें तो ये कुत्ते कभी भी हमला कर सकते हैं. फिर तो हॉस्पिटल जाकर एंटी रैबीज का डोज लेना पड़ेगा. ज्यादातर कुत्ते छोटे बच्चों को निशाना बना रहे हैं. शहर के हीरापुर, जगजीवन नगर, वासेपुर, नया बाजार, तेलीपाड़ा, बरमसिया, भिस्तीपाड़ा, धैया, कुम्हारपट्टी, माड़ा कॉलोनी, हाउसिंग कॉलोनी सहित कई जगहों पर कुत्तों का आतंक ज्यादा है.
बरसात में कुत्तों के हार्मोन में होता है बदलाव : डॉ राकेश
बरसात का मौसम कुत्तों के प्रजनन का समय है. सदर हॉस्पिटल के डॉक्टर राकेश कुमार ने बताया कि नर या मादा में हार्मोन का बदलाव होता है, जिससे कुत्ते उत्तेजित हो जाते हैं. उत्तेजित होने के कारण ये कुत्ते काटने को दौड़ते हैं. उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में यह ज्यादा होता है.
एंटी रैबीज लेना आवश्यक
डॉक्टर राकेश कुमार ने कहा कि कुत्ते के काटने के बाद एंटी रैबीज लेना अति आवश्यक है. इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. रैबीज ऐसा वायरस है, जो मरीज के दिमाग पर अटैक किया तो वह हाइड्रोफोबिया से ग्रसित हो सकता है और जान भी जा सकती है .कहा कि कुत्ते के काटने के बाद एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं लेते हैं तो इसका असर 24 घंटे में भी हो सकता है या फिर 24 साल में या फिर बुढ़ापे में भी. घर का पालतू कुत्ता भी काटे तो एंटी रेबीज वैक्सीन लेना आवश्यक है.
एसएनएमएमसीएच में 120 मरीजों ने लिया वैक्सीन
एसएनएमएमसीएच में हर दिन 10 से 12 मरीज पहुंचकर एंटी रेबीज का वैक्सीन लगवा रहे है.यह जानकारी एसएनएमएमसीएच के फार्मेसी डिपार्टमेंट के रवि राज ने दी. धनबाद के सदर अस्पताल में दो महीने में 102 लोगो ने एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाया है. सदर हॉस्पिटल में लगभग प्रतिदिन 5 से 6 मरीज एंटी रैबीज का वैक्सीन लगवा रहे हैं. डॉक्टर राकेश कुमार ने बताया कि 5 जुलाई से अब तक 102 मरीजों को एंटी रैबीज वैक्सीन लगाया जा चुका है.
कुत्तों पर लगाम को लेकर निगम तत्पर
वर्ष 2006 में धनबाद नगर निगम का गठन हुआ. योजना बनती रही लेकिन सफल नहीं हुई. 2016 में कुत्तों को वैक्सीनेशन का काम शूरू हुआ था, जो 20 दिनों के बाद बंद हो गया. इसके बाद निगम ने 2020 में डॉग कैचर वाहन खरीदा, दो चार कुत्ते पकड़े भी गए. उसके बाद धनबाद नगर निगम ने हरियाणा की संस्था स्नेह फाउंडेशन के साथ करार किया और अब प्रतिदिन 30 से 35 कुत्तों का बंध्याकरण किया जा रहा है. बंध्याकरण के बाद कुत्तों को छोड़ दिया जाता है. एक कुत्ते का बंध्याकरण करने के लिए निगम स्नेह फाउंडेशन को 2000 रुपये देता है. फाउंडेशन के इंचार्ज डॉ धीरज ने बताया कि कुत्तों का बंध्याकरण कर उन्हें छोड़ दिया जाता है.
कोई मॉर्निंग वाक तो कोई दौड़ लगाते बना शिकार
मरीज सुनील कुमार गुप्ता का कहना है कि सुबह मॉर्निंग वाक पर निकला था. धीरे धीरे दौड़ लगा रहा था, अचानक पैर में एक कुत्ते ने काट लिया. बीरबल कहते हैं कि घर से निकलकर काम पर जा रहा था. अचानक बरमसिया फाटक के पास कुत्ते ने पैर में काट लिया. भिस्तीपाड़ा के पिंटू ने बताया कि रात के समय कुत्तों का आतंक बढ़ जाता है. बाइक या कार पर कुत्ते दौड़ लगा देते हैं. कुत्ते को दौड़ता देख बाइक सवार अपनी बाइक और तेज कर देता है, जिससे हादसा हो सकता है. निगम को ऐसे आवारा कुत्तों पर अंकुश लगाना चाहिए..
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