Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) जिला परिषद की नई सरकार के गठन के पांच माह बाद भी 15वें वित्त आयोग की राशि से आवंटित योजनाएं रफ्तार नहीं पकड़ सकी हैं. 65 फीसदी से अधिक योजनाएं या तो अधूरी हैं या उसका काम ही शुरू नहीं हो सका है. हालांकि इन योजनाओं का चयन तथा कार्य का आवंटन एक साल पहले ही हुआ था. परंतु जिला परिषद सदस्यों के उदासीन रवैये और अधिकारियों की लापरवाही के कारण काम आगे नहीं बढ़ सका. अब भी इन योजनाओं में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है.
ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए आवंटित हुई थी राशि
जिला परिषद की योजनाएं मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विकास बनाई जाती हैं. 15 वें वित्त आयोग की राशि का आवंटन भी इसी काम के लिए दिया जाता है. ज्यादातर योजनाएं सोलर आधारित जलापूर्ति, पीसीसी सड़क तथा सामुदायिक भवन निर्माण से जुड़ी हैं. विभाग में फंड की भी कोई कमी नहीं है. जिला परिषद के 29 सदस्य विकास कार्यों के लिए आवाज भी उठाते रहते हैं. बावजूद योजनाएं आगे नहीं बढ़ सकी हैं.
120 से अधिक योजनाओं के लिए राशि आवंटित
ग्रामीण विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में 15वें वित्त आयोग की राशि से 120 से अधिक योजनाओं का काम पूरा होना है. जिला परिषद को 12 करोड़ की राशि भी मिल गई है. टेंडर होने के बाद संवेदकों को काम भी आवंटित हो चुका है. काम पूरा करने का समय छह माह तय किया गया था. बावजूद 70 से अधिक काम अधूरे पड़े हैं.
पूर्व की योजनाओं की हो रही है जांच : अध्यक्ष
धनबाद जिला परिषद की अध्यक्ष शारदा सिंह का कहना है कि उनके कार्य भार संभालने के पूर्व 15 वें वित्त की राशि से ग्रामीण क्षेत्रों में काम आवंटित हुआ था. उन सभी की अभी जांच की जा रही है. इसी वजह से योजनाओं की प्रगति अभी धीमी है. जांच पूरी होने के बाद काम में तेजी दिखाई देगी.
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