Kaushal Anand
Ranchi : आदिवासी-मूलवासी संयुक्त मोर्चा की बैठक शुक्रवार को होटल गंगा आश्रम में हुई. बैठक में सरकार की नियुक्ति नियामवली की आलोचना की गयी. कहा गया कि सरकार ने तय किया है कि राज्य के मूलवासी, भूमिपुत्र सामान्य जाति परिवार के लोग और उनके बच्चे जो राज्य के बाहर पढ़ने जाते हैं, उन छात्रों को स्थानीय नियोजन का लाभ नहीं मिलेगा. यह गलत है. सरकार को इसमें संशोधन करना चाहिए. सरकार ने तय किया है कि केवल एसटी-एससी और ओबीसी को ही स्थानीय नियोजन का लाभ मिलेगा. इससे हमारे लाखों सामान्य जाति के छात्र-छात्राएं वंचित रह जाएंगे. क्योंकि यह संवैधानिक अधिकारों का हनन है. इसलिए सरकार इसमें संशोधन कर उच्च न्यायालय में समर्पित करे. साथ ही जेपीएससी एवं जेएससी को निर्देशित करे. बैठक में अंतू तिर्की, सुनील सिंह, प्रेम शाही मुंडा, बलकु उरांव, एस अली, दिनेश उरांव, प्रवीण चंद्र देवधरिया, विभय नाथ शाहदेव, शिव प्रसाद साहू, धर्म दयाल साहू, धनीनाथ राम साहू, बहूरा उरांव, देव सहाय मुंडा, उमेश पाहन आदि उपस्थित थे.
बैठक में ये प्रस्ताव हुए पास
- आगामी 31 अगस्त को प्रेस क्लब रांची के सभागार में आदिवासी मूलवासी संयुक्त मोर्चा की प्रथम वर्षगांठ और उक्त अवसर पर जागृति नामक स्मारिका का लोकार्पण किया जाएगा.
- स्मारिका में 21 वर्ष के झारखंड के कालखंड में पूर्ववर्ती एवं वर्तमान राज्य सरकार की भूमिका पर विवेचनात्मक सामाजिक अंकेक्षण प्रस्तुत की जाएगी.
- यह भी बात कही जायेगी कि अबतक किसी भी सरकार ने स्थानीय एवं नियोजन नीति परिभाषित करने सहित राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को नियोजन देने में असमर्थ रही हैं. जबकि राज्य में विभिन्न राजकीय सेवा के विभिन्न संवर्गीय एवं शिक्षकों के लगभग पांच लाख रिक्तियां हैं. यह अत्यंत दुखद स्थिति है.
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