Ranchi : झारखंड के कई जिलों में चल रहे एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का पर्यवेक्षण और निरीक्षण करना जरूरी है. इसे लेकर सभी जिलों में समिति होती है, जिसे जिला स्तरीय एकलव्य विद्यालय समिति कहा जाता है. राज्य में समिति के गठन का रास्ता साफ हो गया है. केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के निर्देश के बाद झारखंड में जिला स्तरीय एकलव्य विद्यालय समिति के गठन की अधिसूचना जारी हो गयी है. झारखंड राज्यपाल के आदेश के बाद अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा यह अधिसूचना जारी हुई है. समिति के अध्यक्ष जिलों के डीसी को बनाया गया है. वहीं कुल सात सदस्य समिति में शामिल हैं. समिति का मुख्य काम शैक्षणिक गतिविधियों सहित विद्यालयों के बेहतर क्रियान्वयन पर जोर देना होगा.
इसे भी पढ़ें –रांची पहुंचे सांसद रामकृपाल यादव और राजद नेता श्याम रजक, हेमंत सरकार पर बरसे रामकृपाल
समिति का प्रारूप
अध्यक्ष – जिले के डीसी
सदस्यों में –
1 – उपविकास आयुक्त (डीडीसी)
2 – समेकित आदिवासी विकास अभिकरण (आईटीडीए) के परियोजना निदेशक या OSP जिलों के लिए जिला कल्याण पदाधिकारी
3 – जिला समाज कल्याण पदाधिकारी
4 – जिला शिक्षा पदाधिकारी
5 – सिविल सर्जन
6 – जिले के दो प्रख्यात शिक्षाविद (अध्यक्ष द्वारा नामित)
7 – जिलान्तर्गत किसी एक एकलव्य मॉडल आवासीय के प्राचार्य (सदस्य सचिव)
समिति के कार्य
1 – विद्यालयों के शैक्षणिक प्रदर्शन, बुनियादी ढांचागत विकास सह-शैक्षणिक गतिविधियों सहित सभी पहलुओं तथा सुविधाओं का पर्यवेक्षण करना
2 – बेहतर क्रियान्वयन एवं विकास के लिए स्थानीय सहायता और सहयोग सुनिश्चित करने में विद्यालयों की सहायता करना.
3 – छात्र-छात्राओं को उनकी संस्कृति तथा उनके व्यक्तित्व विकास एवं पेशेवर विकास के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करवाना.
4 – विद्यालयों की गतिविधियों को सुदृढ़ करने के लिए आमजनों से अतिरिक्त वित्तीय सहायता तथा समर्थन जुटाना.
5 – स्कूली शिक्षा की गुणवता में सुधार के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करवाना.
6 – विद्यालयों में विभिन्न संरचनात्मक एवं ढांचागत विकास की गतिविधियों की प्रगति की निगरानी करना.
7 – विद्यालयों के कामकाज के शैक्षणिक अथवा अन्य पहलुओं में आवश्यक सुधार के लिए “झारखंड आश्रम एंड एकलव्य विद्यालय एडुकेशन सोसायटी” को सुझाव देना.
8 – झारखंड आश्रम एंड एकलव्य विद्यालय एडूकेशन सोसायटी द्वारा समय-समय पर सौंपी जाने वाली अन्य जिम्मेदारियों का निर्वहन.
इसे भी पढ़ें –पूर्व डीजी के खिलाफ हो सकता है मामला दर्ज, एसीबी ने सरकार से मांगी अनुमति