NewDelhi : डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट थम नहीं रही है. आज बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की ऑल टाइम लो लेवल पर क्लोजिंग होने की खबर आयी. रुपया 61 पैसे की गिरावट के साथ 83 के पार यानी 83.01 पर बंद हुआ. बता दें कि ऐसा पहली बार है जब कारोबार के अंत में रुपया ने इस स्तर को टच किया है. पिछले कारोबारी दिन रुपया 10 पैसे की गिरावट के साथ 82.39 के भाव पर बंद हुआ था.
Rupee hits a fresh record low, at 83 against US dollar. pic.twitter.com/fJ7TLdXzhF
— ANI (@ANI) October 19, 2022
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आम जनता की जेब पर यह भारी पड़ेगा
जान लें कि भारत जरूरी इलेक्ट्रिक सामान और मशीनरी समेत कई दवाओं का भारी मात्रा में आयात करता है. अधिकतर मोबाइल और गैजेट का आयात चीन और अन्य पूर्वी एशिया के शहरों से होता है. अगर रुपये में इसी तरह गिरावट जारी रही तो आयात महंगा हो जायेगा और आम जनता की जेब पर यह भारी पड़ेगा
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कच्चे तेल के आयात पर पड़ेगा
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये का गिरने का असर कच्चे तेल के आयात पर पड़ेगा. जान लें कि भारत 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है. इस कारण पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ेगी. इससे माल ढुलाई महंगी होगी. पेट्रोल-डीजल महंगा होने से किराया बढ़ सकता है जिससे कहीं आना-जाना महंगा हो सकता है. इसके अलावा रुपये के कमजोर होने से रसोई से लेकर घर में उपयोग होने वाले रोजमर्रा के सामान के दाम बढ़ सकते हैं. भारत खाद्य तेल का 60 फीसदी आयात करता है. इसकी खरीद डॉलर में होती है. रुपये के कमजोर होने से खाद्य तेलों के दाम घरेलू बाजार में बढ़ सकते हैं.