NewDelhi : जम्मू और कश्मीर को लेकर मोदी सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. खबर है कि केंद्रीय मंत्रियों की अलग-अलग टीमें इस केंद्र शासित राज्य का दौरा करेगी. इस क्रम में मंत्री जनता से रूबरू होंगे और उनके मन की बात जानेंगे. साथ ही अपनी सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी देंगे. उनका मन भांपने की कोशिश होगी. खबर है कि 10 सितंबर से केंद्रीय मंत्रियों की टीम दौरा शुरू करेगी.
जानकारों के अनुसार अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद, पाकिस्तानी आतंकी संगठनों को मजबूती मिलने की आशंकाओं के बीच यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण है. जान लें कि तालिबान के एक नेता ने एक दिन पूर्व ही कहा है कि वह कश्मीर के मुसलमानों की आवाज उठायेगा. रिपोर्ट्स के अनुसार, 9 सप्ताह तक चलने वाले इस दौरे में 70 मंत्री शामिल होंगे.
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जनता से सीधे मिलने की यह दूसरी कवायद
संविधान के Article 370 में बदलाव के बाद केंद्र सरकार की वहां की जनता से सीधे मिलने की यह दूसरी कवायद है. थोड़ा पीछे जायें तो पिछले साल 18-24 जनवरी के बीच 36 केंद्रीय मंत्रियों ने जम्मू और कश्मीर का दौरा किया था. सूत्रों के अनुसार जनता से मुलाकात के अलावा मंत्री प्रशासन और पंचायती राज संस्थाओं के लोगों से भी मिलेंगे. केंद्रीय मंत्रिपरिषद में कुल 78 मंत्री हैं और उनमें से 70 के इस कार्यक्रम में शामिल होने की बात कही जा कही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जायेंगे या नहीं, अभी यहतय नहीं हुआ है।
हर सप्ताह 8 मंत्री जायेंगे. चार जम्मू में और चार कश्मीर जायेंगे में. केंद्रीय मंत्री अपने मंत्रालय से जुड़ी बातों को नोट करेगा और वापस लौटकर गृह मंत्रालय (MHA) और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को रिपोर्ट सौंपेगा. खबर है कि PMO में केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह इस पूरी कवायद पर MHA से को-ऑर्डिनेट कर रहे है.
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तालिबान के खतरे को देखते हुए दौरा अहम
जम्मू और कश्मीर में अस्थिरता का खतरा पाकिस्तान के साथ-साथ अब अफगानिस्तान से भी खासा बढ़ गया है. तालिबान ने एक दिन पहले ही कहा है कि वह कश्मीर में मुसलमानों की आवाज उठायेगा. हालांकि अब तक तालिबान इस मसले पर दखलअंदाजी की बात से बचता आया था. विशेषज्ञों ने खतरा जताया है कि तालिबान के साथ मिलकर पाकिस्तानी आतंकी कश्मीर में तबाही मचाने की कोशिश कर सकते हैं. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला शुक्रवार को जम्मू और कश्मीर का दौरा खत्म कर लौटे हैं. पिछले कुछ महीनों में कई केंद्रीय मंत्रियों ने लेह का दौरा किया है. इसके अलावा संसद की 13 स्टैंडिंग समितियां भी जम्मू और कश्मीर व लद्दाख का दौरा कर आयी हैं. इन समितियों में 300 से ज्यादा सांसद हैं.
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