Kabul : तालिबान ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने पंजशीर पर भी कब्जा जमा लिया है. मीडिया रिपोर्ट में ऐसा दावा किया जा रहा है कि अब पंजशीर भी तालिबान के कब्जे में चला गया है. खुद को अफगान का राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्ला सालेह के भी पंजशीर से भागने की बात कही जा रही है. लेकिन इस बीच अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति और पंजशीर से तालिबान को चुनौती दे रहे अमरुल्लाह सालेह खुद एक वीडियो के जरिए कहा कि वह देश छोड़कर भागे नहीं हैं. कहा है कि वह पंजशीर घाटी में ही हैं और रेसिस्टेंस फोर्स के कमांडरों और राजनीतिक हस्तियों के साथ हैं.
अमरुल्लाह सालेह ने तालिबान के कब्जे की बात को सिरे से नकारा
CNN-News18 की खबर के अनुसार अमरुल्लाह सालेह ने तालिबान के कब्जे की बात को सिरे से नकार दिया है. कहा कि पंजशीर घाटी पर चार-पांच दिनों से तालिबान द्वारा हमला किया जा रहा है, लेकिन विद्रोहियों द्वारा किसी भी क्षेत्र पर कब्जा नहीं किया गया है. कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स से यह बात फैल रही है कि मैं अपने देश से भाग गया हूं. यह बिल्कुल गलत है. यह मेरी आवाज है, मैं आपको पंजशीर घाटी से, अपने बेस से कॉल कर रहा हूं. दावा किया कि मैं अपने कमांडरों और अपने राजनीतिक सहयोगियों के साथ हूं.
चार-पांच दिनों में तालिबान ने अपना आक्रमण तेज किया है
हालांकि अमरुल्लाह सालेह ने स्थिति का आकलन करने की बात करते हुए कहा कि बेशक यह एक कठिन स्थिति है, हम तालिबान, पाकिस्तानियों और अल कायदा सहित अन्य आतंकवादी समूहों का सामना कर रहे हैं. कहा कि पिछले चार-पांच दिनों में तालिबान ने अपना आक्रमण तेज किया है, हालांकि, तालिबान को अब तक कोई अहम फायदा नहीं मिल सका है. हमले में उनके भी कुछ लोग मरे हैं और हमारे भी.
वीडियो संदेश में सालेह ने कहा कि मैं इस वीडियो के माध्यम से आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस समय जो कुछ भी कहा गया है कि मैं घायल हो गया हूं या मैं भाग गया हूं, वह निराधार, फर्जी खबर है. प्रतिरोध जारी है और जारी रहेगा. मैं यहां अपनी मिट्टी के साथ हूं, अपनी धरती और इसकी गरिमा की रक्षा के लिए हूं. सालेह ने कहा कि हमने तालिबान के सामने कभी नहीं झुकने की कसम खायी है.
वो पंजशीर में मेरा आखिरी दिन होगा
पजंशीर में उनकी जीत, पंजशीर में मेरा आखिरी दिन होगा, इंशाल्लाह. यह कहना है नॉर्दन एलायंस के नेता अहमद मसूद का जिन्होंने पंजशीर घाटी पर तालिबानी कब्जे के दावे को सिरे से नकार दिया. दरअसल, तालिबान के तीन सूत्रों दावा किया है कि इस्लामिक मिलिशिया ने शुक्रवार को काबुल के उत्तर में पंजशीर घाटी पर कब्जा कर लिया है. इसी के साथ अफगानिस्तान में तालिबान विरोधियों का आखिरी किला भी ढह गया है.
News of Panjshir conquests is circulating on Pakistani media. This is a lie. Conquering Panjshir will be my last day in Panjshir, inshallah.
— Ahmad Massoud (@Mohsood123) September 3, 2021
15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था.
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने काबुल पर कब्जा करने से एक रात पहले देश को तालिबान के हाथों में छोड़ भाग गये थे. 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था. बता दें कि पूर्व में सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स ने कहा था कि तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है. जो लोग भी यहां हमारा विरोध कर रहे थे, तालिबान ने उन्हें मात दे दी है. अब पंजशीर तालिबान के नियंत्रण में है.
हालांकि उस वक्त भी रेसिस्टेंस लीडर्स ने तालिबान के दावों को खारिज किया था और कहा था कि पंजशीर में अभी भी लड़ाई जारी है. जान लें कि 1996 से 2001 के बीच जब अफगानिस्तान में तालिबान का शासन था, तब भी वह पंजशीर पर कब्जा नहीं कर पाया था. तब लॉयन ऑफ पंजशीर कहे जाने वाले अहमद मसूद ने नॉर्दर्न अलायंस बनाया था,
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