NewDelhi : किसान आंदोलन को फिर से धार देने के लिए 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया गया है. बता दें कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों का वापस लेने को तैयार नहीं है. किसान नेता कई मौकों पर सरकार से बातचीत कर चुके हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका है. किसान संगठन महीनों तक सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते रहे,, लेकिन सरकार नहीं झुकी. अब एक बार फिर किसान सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं.
जानकारी के अनुसार भारत बंद को सफल बनाने के लिए 17 सितंबर से यूपी के सभी जिलों में किसान संगठन ट्रेड यूनियन, युवा संगठन, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, व्यापारी संगठन के साथ बैठक करने वाले हैं. पूरी कोशिश है कि हर मोर्चे पर बंद सफल रहे और सरकार को उनकी मांगों के आगे झुकना पड़े.
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किसानों का गुस्सा सातवें आसमान पर चल रहा है
खबर है कि सभी किसान 27 सितंबर की तैयारी में लग गये हैं. शहरी इलाकों में भारत बंद के लिए व्यापार मंडलों व विभिन्न कर्मचारी संगठन व ट्रेड यूनियनों से संपर्क साध लिया गया है. कहा जा रहा है कि बेहतर तालमेल के जरिए इस बंद को पूरे देश में सफल बनाया जायेगा. किसानों का गुस्सा वैसे भी सांतवें आसमान पर चल रहा है. करनाल में जब से प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज हुआ है, सरकार संग उनका रिश्ता और ज्यादा तल्ख हुआ है. उस केस में भी क्योंकि किसानों की मांग के अनुसार एसडीएम को बर्खास्त नहीं किया गया, ऐसे में किसानों की नाराजगी काफी ज्यादा है जो अब भारत बंद के दौरान साफ महसूस की जा सकेगी.
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पिछले साल नवंबर में शुरू हुआ आंदोलन
बता दें कि किसानों द्वारा पिछले साल नवंबर में किसान आंदोलन की शुरुआत की थी. उस समय किसानों की ओर से लगातार सरकार के साथ संवाद स्थापित किया जा रहा था. हालांकि अब पिछले कई महीनों से किसान सड़क पर हैं, लेकिन सरकार के साथ बातचीत संभव नहीं दिख रही है.