Galudih (Prakash Das) : उल्दा पंचायत के पुतरु गांव में वर्षों से आंगनबाड़ी केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएससी) एक ही जर्जर भवन में संचालित किया जा रहा है. इस भवन में दो कमरे हैं. इस ओर स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है. सब कुछ जानने के बाद भी लापरवाही बरती जा रही है. आंगनबाड़ी की स्थिति दयनीय है. खिड़कियां टूटी हुई हैं. रंग रोगन के अभाव में दीवार से प्लास्टर उखड़ रहे हैं. भवन का फ्लोर गड्ढ़ों में तब्दील हो गया है.
इस आंगनबाड़ी केंद्र में आस-पास से छोटे-छोटे बच्चे आते हैं. वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में विभिन्न बीमारियों से ग्रसित मरीज भी आते हैं. ऐसे में ग्रामीणों के बच्चे कितने सुरक्षित हैं, यह अंदाजा लगाया जा सकता है. ऐसी स्थिति में यदि कोई बच्चा किसी मरीज से संक्रमित होगा तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. इसके अलावा और भी कई समस्याएं हैं. ग्रामीणों ने बताया कि आंगनबाड़ी के बाहर लगा चापाकल कई महीनों से खराब है. बरसात के मौसम में आंगनबाड़ी केंद्र के बाहर पैर रखना मुश्किल हो जाता है. बाहर कीचड़ और पानी बहता रहता है. पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है.