Vinit Upadhyay
Ranchi: रिनपास की मरीज शैरु निशा की मौत के बाद प्रबंधन सवालों के घेरे में है. करीब 4 माह पूर्व हुई इस घटना को लेकर आये दिन नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं. कार दुर्घटना को पेड़ से गिरना बताकर मामले को दूसरी ओर मोड़ने की कोशिश की जा रही है. लेकिन इन सब के बीच एक नया तथ्य सामने आया है. रिनपास ने जिस महिला नर्सिंग स्टाफ मुनुरेन बारला के फर्द बयान पर सनहा दर्ज करवाया है उसने यह खुलासा किया है कि घटना के दिन वह छुट्टी पर थी. अब सवाल ये उठता है कि जिस नर्सिंग स्टाफ के बयान को आधार बनाकर पुलिस और रिनपास प्रबंधन ने पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया. उसके द्वारा आश्चर्यजनक रूप से यह कहना कि वह घटना के दिन उपस्थित ही नहीं थी. तो फिर उसके बयान के बाद आगे क्या कार्रवाई की गई ?
कार की चपेट में आने से मौत
इससे पहले RINPAS में मार्च महीने में मरीज की मौत के बाद रांची सिविल कोर्ट में दाखिल किए गए कम्प्लेन केस पर सुनवाई हुई. कम्प्लेन केस पर सुनवाई करते हुए CJM कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया. सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता सोनू मुंडा के अधिवक्ता ईशान रोहन तिवारी ने अपनी बहस करते हुए कोर्ट को बताया कि जिस मरीज की मौत हुई है उसे वर्ष 1994 में RINPAS में एडमिट किया गया था. मार्च महीने में डॉ जयति शिमलई की गाड़ी से लगी गम्भीर चोट के कारण उसकी मौत हो गई.
जहां दुर्घटना हुई वहां गाड़ी ले जाना है वर्जित
जहां दुर्घटना हुई उस क्षेत्र में गाड़ी ले जाना मना है उसके बावजूद डॉ जयति अपनी कार लेकर वहां गईं. शिकायतकर्ता के वकील ईशान रोहन तिवारी ने कोर्ट से गुहार लगाते हुए कहा कि डॉ जयति शिमलई के खिलाफ FIR दर्ज करते हुए जांच का आदेश दिया जाए या अदालत खुद संज्ञान लेकर दोषी के विरुद्ध समन जारी करे. जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई तय की है.
बता दें कि रिनपास कैंपस में विक्षिप्त महिला कार की चपेट में आने से घायल हुई थी. जिसकी मौत इलाज के दौरान हो गई. यह बात जयति सिमलई के स्पष्टीकरण से भी स्पष्ट है. लेकिन गंभीर स्थिति में जब विक्षिप्त महिला को रिम्स ले जाया गया, तब वहां झूठ बोला गया. कह दिया गया कि महिला करंज के पेड़ से गिर गई थी. 14 अप्रैल को विक्षिप्त महिला की मौत हो गई. इसके बाद रिम्स ओपी की पुलिस ने रिनपास की नर्सिंग स्टाफ सिस्टर मुनुरेन बारला का बयान दर्ज किया. मुनुरेन बारला ने पुलिस को बताया कि विक्षिप्त महिला पेड़ से गिर गई थी. उसे रिम्स में लाया गया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
रिनपास के तत्कालीन निदेशक डॉ सुभाष सोरेन ने कहा कि दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने जयति सिमलई से स्पष्टीकरण मांगा था. उनका स्पष्टीकरण मिला भी. उसपर कार्रवाई करते, इसके पहले ही उन्हें निदेशक पद से हटा दिया गया. उनकी जगह जयति सिमलई को रिनपास का निदेशक बनाया गया. इसके बाद इस घटना से संबंधित दस्तावेज जयति सिमलई के पास ही रह गये. हालांकि डॉ सुभाष दुर्घटना और स्पष्टीकरण का जवाब मिलने के दो माह तक निदेशक के पद पर ही थे. आज की तारीख में डॉ. सुभाष सोरेन रिनपास के ही दूसरे विभाग में पदस्थापित हैं.