Garhwa: महंगाई बढ़ने पर विरोध होता है, लेकिन शराब की कीमत बढ़ने पर विरोध नहीं हो पाता है. न तो कोई विरोध करने आता है और न ही कोई इस मामले को उठाता है. आज की स्थिति यह है कि शराब संचालक मनमाना कीमत वसूलने में लगे हैं. वे शराब के एमआरपी से दस रुपए अधिक ले रहे हैं. लगातार मीडिया ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया और टीम जमीनी हकीकत जानने लोगों के बीच पहुंच गयी. जानिये इस मुद्दे पर लोगों की क्या राय है.
आशीष कुमार कहते हैं कि रंका में अंग्रेजी शराब दुकान में एमआरपी से 10 रुपये अधिक दाम में शराब बेची जा रही है. यह अन्याय है. इस मामले को गंभीरता से लेने की जरूरत है. विभाग को जल्द से जल्द इस पर कार्रवाई करनी चाहिए.
मिथलेश यादव कहते हैं कि अंग्रेजी शराब एमआरपी रेट से 10 रुपये अधिक कीमत पर लिया जा रहा है. इससे लोगों को परेशानी हो रही है. मामला शराब का है इसलिए लोग कुछ भी कहने से बच रहे हैं. वहीं संचालक ग्राहकों से लूट रहे हैं. इसे कोई देखने वाला नहीं है. सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए.
वेद प्रकाश कहते हैं कि रंका में जो अंग्रेजी शराब बेची जा रही है, उसकी अधिकी कीमत ली जा रही है. एमआरपी रेट से 10 रुपया अधिक लिया जा रहा है. उपभोक्ताओं में इसे लेकर काफी रोष है. कहने पर संचालक ध्यान नहीं देते हैं. सरकार को इस पर रोक लगानी चाहिए.
शक्ति राज सिंह कहते हैं कि रंका में अंग्रेजी शराब दुकान में लूट मची हुई है. यहां एमआरपी रेट से 10 रुपया अधिक ग्राहकों से वसूला जा रहा है. यह सरासर गलत है. इस पर अविलंब कार्रवाई होनी चाहिए.
किशोर सिंह का कहना है कि रंका में अंग्रेजी शराब दुकान में एमआरपी रेट से 10 रुपया अधिक लिया जा रहा है. जिससे उपभोक्ता काफी नाराज हैं. उनमें भारी आक्रोश है. उन्होंने कहा कि ऐसे में दुकान का ही लाइसेंस रद्द होना चाहिए, ताकि आगे संचालक इस तरह से मनमानी नहीं कर सकें. सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए.
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