Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य की एक न्यायिक पदाधिकारी की कार्यशैली पर गंभीर टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने बेल एप्लिकेशन नंबर 2232/ 2021 की सुनवाई करते हुए गुमला सिविल कोर्ट की सीजेएम कुसुम कुमारी को अपनी कार्यशैली में सुधार लाने का निर्देश दिया है. झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने सुनवाई के बाद अपने आदेश में गुमला सीजेएम के लिए कई आदेश भी पारित किए हैं.
कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान गुमला सीजीएम की कार्यशैली पर गंभीर टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा है कि गुमला सीजेएम अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही हैं, मामले में चार्जफ्रेम करने में देरी कर रही हैं और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से बच रही हैं.
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6 महीने में केस निपटाने का कोर्ट ने दिया आदेश
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि ना उनमें काबिलियत है ना अनुभव और ना ही दक्षता जैसा कि एक सीजेएम के लिए होना चाहिए, हाईकोर्ट ने उन्हें आदेश दिया है कि वह अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटे और झूठे एवं बचकाने बहाने ना बनाते हुए उक्त वाद का जल्द से जल्द रोज सुनवाई करते हुए 6 महीने में निपटारा करें. पिछले आदेश के आलोक में वह बताएं कि उन्होंने अब तक क्या-क्या कदम उठाए हैं. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि उक्त वार्ड के निपटारे के लिए वह जिले के प्रधान न्यायाधीश की भी मदद ले सकती हैं.
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