Ranchi: राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों ने 5वें दिन भी संत्याग्रह आंदोलन जारी रखा. राजभवन के सामने बैठकर कल्याणकारी हवन कार्यक्रम आयोजित किया गया. हवन सरकार को सद्बुद्धि लाने, कल्याणकारी राज्य बनने, उच्च शिक्षा विभाग को नियमसंगत कार्य करने तथा सभी अनुबंध कर्मियों के हितार्थ कार्य करने के लिए किया गया.
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सामूहिक कल्याण हेतु हवन
वैदिक मंत्रों के साथ अनुबंध कर्मियों के सामूहिक कल्याण हेतु हवन संपन्न हुआ. राज्य में सरकार के द्वारा किये जा रहे सभी प्रकार के कल्याणकारी कार्यों के लिए मंत्रों का उच्चारण किया गया. “सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ये त्रयम्बके गौरि नारायणी नमोस्तुते ते” का मंत्र गुंजायमान होता रहा.
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31 मार्च के बाद सेवा समाप्त
झारखंड सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ के डॉ बिनोद एक्का ने कहा कि सरकार की सद्बुद्धि के लिए सत्याग्रह स्थल पर हवन किया गया. अब भी सरकार को सद्बुद्धि नहीं आयी, तो अब इस सरकार के सभी मंत्रियों के आवास पर बैठकर एकदिवसीय सत्याग्रह आंदोलन किया जाएगा. वर्तमान सरकार ने पिछले वर्ष प्रतिपक्ष में रहते हुए इन शिक्षकों से वादा किया था कि, हमारी सरकार बनने पर आपसबों की माँग पूरी की जायेगी. परंतु आज सरकार न सिर्फ अपने वादों से विमुख हो चुकी है, बल्कि तीन वर्षों तक सेवा लेने के बाद 31 मार्च के बाद हमारी सेवा को ही समाप्त कर रही है.
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‘सेवा विस्तार दे सरकार’
डॉ एसके झा ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग के संकल्प संख्या-04/वि०-1-135/ 2016-01,दिनांक 01.01.2021 के कंडिका संख्या- 3 (ख) में कर्णांकित घंटी आधारित अनुबंध शिक्षकों के पुनर्चयन हेतु नये पैनल के गठन का निर्देश दिया गया है. सेवा प्रदान कर रहे शिक्षकों को हटाकर नये शिक्षकों की नियुक्ति होगी. सरकार ने इनकी आजीविका का स्रोत ही बंद कर दिया है. मुख्यमंत्री नए संकल्प को अविलंब संशोधित करते हुए पूर्व के पैनल (02.03.2017)पर कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों को निश्चित मासिक मानदेय के साथ 65 वर्षों की आयु तक सेवा विस्तार करवाएं.
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सत्याग्रह जारी है
रांची विश्वविद्यालय के अनुबंध सहायक प्राध्यापक डॉ दीपक कुमार ने कहा कि झारखंड सरकार ने वर्तमान में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों का अल्प अवधि 31 मार्च, 2021 तक के लिए सेवा विस्तार कर नैसर्गिक न्याय से वंचित रखा है. अनुबंध सहायक प्राध्यापक डॉ० बसंत प्रसाद ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री न्यायोचित मांगों को पूरा करें. इस आशय की जानकारी राज्यपाल सह कुलाधिपति, मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा सचिव व उच्च शिक्षा निदेशक महोदय को भी दे दी गयी है. जिसके बाद 28 जनवरी से ही अनुबंध सहायक प्राध्यापक अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन पर बैठे हैं.
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हवन कार्यक्रम में उपस्थित लोग
राजभवन के समक्ष सत्याग्रह आंदोलन में विभिन्न विश्वविद्यालयों के घंटी आधारित संविदा सहायक प्राध्यापक काफी संख्या में उपस्थित हुए. हवन यज्ञ में शामिल हुए लोगों में डॉ अराधना, डॉ स्मिता, डॉ चिरंतन महतो, डॉ मनीष, डॉ रोहित, डॉ प्रकाश,डॉ राजनराम, डॉ दीपक कुमार, डॉ सुमंत कुमार, डॉ साधना कुमारी, डॉ अटल कंडुलना, डॉ पुनम कुमारी,डॉ कौशिक हलधर, सचिन्नानाद मैथी, डॉ दीपक कुमार, डॉ राजन कुमार, जहांगीर आलम, वरुण तिवारी, देवेंद्र साहू, डॉ श्रवण कुमार तिवारी, अरविंद पासवान आदि शामिल थे.
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