Hazaribagh: डीएवी पब्लिक स्कूल में शनिवार को देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद को उनकी जयंती पर याद किया गया. इस अवसर पर स्कूल के प्राचार्य अशोक कुमार ने राजेंद्र बाबू की तस्वीर पर श्रद्धा-सुमन अर्पित करने के बाद मानविकी के विद्यार्थियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि राजेंद्र बाबू सच्चाई और सादगी की प्रतिमूर्ति थे. संविधान सभा के सभापति के रूप में उन्होंने संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वे देश के सर्वमान्य नेता थे. महात्मा गांधी के आदर्शों एवं सिद्धांतों के अनुसार जीवनयापन करने वाले राजेंद्र बाबू सच्चाई एवं सादगी की प्रतिमूर्ति थे.
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प्राचार्य ने कहा कि राजकुमार शुक्ल के आह्वान पर गांधी जी ने चंपारण में जब नील की खेती के लिए मजबूर किए जाने वाले किसानों के लिए सत्याग्रह आंदोलन छेड़ा, तो राजेंद्र बाबू ने उसमें अग्रणी भूमिका निभाई थी. 1934 ई. के भूकंप पीड़ितों की सेवा करते हुए ये देश की जनता से गहरे रूप से जुड़ते चले गए. उन्हें लगातार दो बार राष्ट्रपति होने का गौरव प्राप्त है. अपने कार्यकाल उन्होंने संविधान की गरिमा की रक्षा पूरी निष्ठा के साथ किया. इस अवसर पर प्राचार्य ने ”स्वाधीनता आंदोलन में राजेंद्र प्रसाद का योगदान” विषय पर प्रश्नोत्तरी का संचालन किया.
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