Hazaribagh : पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़े दाम से केवल शहरी क्षेत्र में लोगों की परेशानियां नहीं बढ़ी है बल्कि सुदूरवर्ती किसान भी इस मार से आहत है. हजारीबाग के कटकमसांडी प्रखंड के किसान इस बार ट्रैक्टर की जुताई में लगने वाले खर्च से परेशान हैं जहां एक खेत की जुताई में पिछले साल 600 रुपये खर्च करने पड़ते थे. इस बार वो सीधे बढ़कर 1000रुपये तक हो गया है.
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अच्छी बारिश होने के बाद भी किसान मायूस है
किसान परेशान है कि अगर एक खेत पर उनकी लागत 400रुपये से अधिक बढ़ जाएगी तो पूरी जुताई में उनका लागत इस बार काफी बढ़ा हुआ होगा. यही कारण है कि इस बार अच्छी बारिश होने के बाद भी किसान मायूस है उन्हें लग रहा है कि जिस तरह से जुताई और अन्य चीजों में लागत बढ़ रहा है उस हिसाब से उन्हें धान का मूल्य नहीं मिलेगा और इस बार उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा.
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पुराने दर पर काम करना बहुत मुश्किल है.
किसान दीनू महतो कहते हैं कि उन्होंने अपने पूरे जीवन काल में 1 साल में इतनी मूल्य वृद्धि नहीं देखी थी. ट्रैक्टर वालों से जब इस बढ़े दाम के बारे में पूछा जाता है तो चालक कहते हैं कि डीजल के दाम इतने बढ़ गए हैं कि पुराने दर पर काम करना बहुत मुश्किल है. ऐसे में अगर वह दर में वृद्धि नहीं करेंगे तो उनका लागत मूल्य ही नहीं निकल पाएगा .
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आने वाले समय में महंगाई अपने चरम पर होगी
पेट्रोलियम पदार्थों के अनियंत्रित मूल्य वृद्धि से जिस तरह किसानों की लागत इस बार बड़ी है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता आने वाले समय में महंगाई अपने चरम पर होगी और यह मार केवल शहरी क्षेत्र में नहीं बल्कि सारे इलाकों में होगा.
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