एक दिसंबर को बीएसएफ बनाएगा अपना 59वां स्थापना दिवस, हजारीबाग के मेरु कैंप में होगा कार्यक्रम
Hazaribagh: सीमा सुरक्षा बल आगामी एक दिसंबर को अपना 59वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है. जिले के मेरु स्थित सीमा सुरक्षा बल प्रशिक्षण केंद्र एवं विद्यालय में राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है. इसके पहले सीमा सुरक्षा बल अपना स्थापना दिवस दिल्ली में मानता रहा है. विगत दो वर्षों से बीएसएफ के प्रशिक्षण केंद्र में स्थापना दिवस मनाने का चलन शुरू किया गया है. वर्ष 2021 में जैसलमेर, 2022 में अमृतसर के बाद इस साल हजारीबाग में आयोजन होने जा रहा है. स्थापना दिवस समारोह को लेकर तैयारी भी जोर शोर के साथ चल रही है. प्रशिक्षण केंद्र के आईजी केएस बान्याल ने मंगलवार को यह जानकारी मेरु कैंप में प्रेस वार्ता के दौरान दी.
बीएसएफ की सभी सीमांत कंटिनजेंट की टुकड़ियां ले रही भाग
उन्होंने कहा कि बड़े ही गौरव की अनुभूति हो रही है कि इस वर्ष सीमा सुरक्षा बल का स्थापना दिवस परेड की जिम्मेवारी मेरु संस्थान को दी गई है. कार्यक्रम को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है. इस परेड में बीएसएफ के सभी सीमांत (फ्रंटियर) कंटिनजेंट की महिला व पुरूष (टुकड़ियां) भाग ले रही हैं. जांबाज व सीमा भवानी की मोटरसाइकिल टीम, ऊंट व घुड़सवार दस्ते, उच्च प्रशिक्षित श्वान, बीएसएफ एयर विंग के हैलिकॉप्टर, बीएसएफ तोपखाना, अंश्रु गैस इकाई टेकनपुर, मिर्ची बम्ब व एडवेंचर प्रशिक्षण संस्थान की पैराग्लाईडिंग का प्रदर्शन दिखाया जाएगा. साथ ही कलरिपयट्टु, मनीयारो रास, योगा, खड़िया लोक नृत्य समेत विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए जाएंगे.
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम में आने की संभावना
परेड में 1000 से अधिक जवान और अधिकारी दिखेंगे. स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विशिष्ट गणमान्य अतिथियों, सीमा सुरक्षा बल के वीरता पदक विजेताओं, वीरता पदक विजेता (मरणोपरांत) के परिजनों, सेवारत सीमा प्रहरियों व बीएसएफ के सेवानिवृत अधिकारियों को भी निमंत्रण भेजा जा रहा है. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि को लेकर किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई. देश के गृह मंत्री अमित शाह के आने की संभावना है.
वर्तमान में बीएसएफ की कुल 192 बटालियन
इस दौरान आईजी बान्याल ने बीएसएफ ने यह भी कहा कि भारत की प्रथम रक्षा पंक्ति होने के नाते इस समय बीएसएफ की कुल 192 बटालियन विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ आतंरिक सुरक्षा कर्तव्यों, कानून व्यवस्था, चुनावी कर्तव्यों, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के घने जंगलों, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड जैसे राज्यों की दुगर्म पहाड़ियों व जम्मू कश्मीर के बर्फीले इलाकों में आतंकवाद, नक्सलवाद को रोकने में अपना अहम योगदान दे रही है.
दूसरी खबर
निगम की साफ-सफाई के दावे पर आमलोगों ने उठाए सवाल
कहीं पसरी दिखी गंदगी, तो कहीं पाई गई रोशनी की कमी
हजारीबाग : दीपावली और छठ पूजा में बेहतर सफाई और रौशनी प्रबंध का दावा नगर निगम द्वारा किया जाता रहा. वहीं, आम लोग इस बार पूजा में भी पसरी गंदगी की शिकायत करते रहे. ऐसे में ‘शुभम संदेश’ ने इस मुद्दे की हकीकत जानने की कोशिश की है. नगर निगम के द्वारा छठ दिवाली एवं छठ पूजा में अलग-अलग सिटी मैनेजर और इंजीनियर द्वारा सफाई लाइटिंग एवं बैलून से सजावट में अलग-अलग खर्च करने की बात कही गई है. निगम द्वारा शहर की 27 छठ घाटों पर लगभग 400 मजदूर लगाकर साफ-सफाई करवाने का दावा किया गया है. इसमें 60 हजार रुपये खर्च किए गए.
पूजा में 27 छठ घाटों पर 400 मजदूरों से सफाई का दावा
इसके अलावा बैलून सजावट और ब्लीचिंग व चूना पाउछर छिड़काव में लगभग एक लाख खर्च करने की बात कही जा रही है. इसमें छठ तालाब, मीठा तालाब, बुढ़वा महादेव तालाब में बलून के सजावट के अलावा करीब चार तालाब में 35 चेंजिंग रूम और दो घाट पर बैलून से सजावट किया गया था. नगर निगम की इंजीनियर द्वारा 10 तालाब पर 30 हैलोजन लगाया गया था. वहीं, सिटी मैनेजर राजीव कुमार ने बताया कि छठ घाट पर उनकी देखरेख में 100 बोरा ब्लीचिंग पाउडर और 200 बोरा चूना का छिड़काव किया गया. इसमें लगभग एक लाख खर्च आया.
नगर निगम ने कराया आधा-अधूरा कार्य : सीटू
समाजसेवी गणेश कुमार सीटू ने बताया कि दीपावाली व छठ पूजा में नगर निगम के द्वारा आधा अधूरा सफाई करवाया गया. मेन रोड के पास गंदगी का अंबार लगा रहा, जिसे उन्होंने कई लोगों और समाजसेवियों के साथ मिलकर सफाई करवाया था. वहीं, मीठा तालाब छठ घाट पर अंधेरे में पूजा हुई. न तो कहीं ब्लीचिंग पाउडर दिखा और ना ही चूने का कोई छिड़काव था. घाट पर गंदगी भी पसरी हुई थी.
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