LagatarDesk: इस बढ़ती मंहगाई ने आम जनता की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. 1 नवंबर से काफी चीजों की कीमतों में बदलाव हुआ है. पिछले साल की तुलना में इस बार खाद्य पदार्थों की कीमतों में 30% की बढ़ोतरी हुई है. बढ़ती मंहगाई ने भारत के लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ा दी हैं. चावल को छोड़कर लगभग सभी खाद्य पदार्थ की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. दाल,सब्जियां,खाद्य तेल,प्याज और कई मसालों की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है.
देश में इस साल ज्यादा बारिश होने के कारण फसल बर्बाद हुआ है. जिसकी वजह से सभी खाद्य पदार्थ की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. सब्जियों के दाम पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी हो गयी है. बारिश में दाल की फसल में नुकसान के बाद इसकी कीमत 20% अधिक हुई है. पिछले साल जहां दाल 80-85 रुपये किलो बिक रहा था, वहीं इस साल दाल की कीमत 120-125 रुपये प्रति किलो हो गयी है. वहीं मांस-मछली की कीमतों में भी 20-30% की बढ़ोतरी हुई है.
पिछले साल जहां 5000-6000 रुपये में किचन बजट समा जाता था, वहीं इस वर्ष ये बढ़कर 7000-8000 रुपये हो गया है. आलू प्याज और अन्य खाद्य पदार्थ की कीमत इस तरह आसमान छू रही है कि अब लोगों का सब्जी खरीदना भी आफत हो गया है.
मंहगाई बढ़ने के कारण
कोरोना काल में लोग इस महामारी से बचने के लिए काढ़ा का अधिक उपयोग कर रहे हैं,जिसके कारण गोलकी, इलाइची, दालचीनी, हल्दी और अन्य मसालों की मांग बढ़ी है.
इम्यून सिस्टम बढ़ाने के लिए अंड़े की मांग में भी बढ़ोत्तरी हुई है. जिससे 1 ट्रे अंडे की कीमत 120-130 रुपये से बढ़कर 170-180 रुपये तक हो गयी है.
गृहणियों के लिए बचत करना हुआ मुश्किल
गृहणियों का कहना है कि जहां दो दिन की सब्जियों का खर्च 50-100 रुपये था, अब वो बढ़कर 200-300 रुपये तक पहुंच गया है. तो ऐसे में बचत कैसे हो पायेगी.
उनका कहना है कि अब तो बचत का मतलब ही खत्म हो गया है. पहले जहां गृहणियां खर्च से बचत कर लेती थीं, वो अब काफी मुश्किल हो गया है.