Jamshedpur (Anand Mishra) : जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी की प्रथम पीएचडी प्रवेश परीक्षा रविवार को संपन्न हुई. परीक्षा अपने निर्धारित समय से संचालित हुई. परीक्षा पूरी तरह कदाचारमुक्त और शांतिपूर्ण रही. परीक्षा के सफलतापूर्वक संपन्न होने पर यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ अंजिला गुप्ता ने रजिस्ट्रार डॉ राजेंद्र जायसवाल एवं गठित शोध कमेटी के सदस्यों के साथ परीक्षा नियंत्रक डॉ रमा सुब्रमणियन, केंद्र निरीक्षक डॉ सुधीर कुमार साहू, ओएसडी डॉ रूपाली पात्रा एवं परीक्षा विभाग के अन्य सदस्यों को बधाई दी है.
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पीएचडी प्रवेश परीक्षा जेडब्ल्यूयूआरइटी-1 के लिए कुल 122 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. इनमें से 90 परीक्षा में उपस्थित हुईं एवं 32 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहीं. तीन परीक्षा कक्ष बनाए गए थे, जिनमें सुनियोजित तरीके से कक्षा निरीक्षकों की देखरेख में परीक्षा का संचालन किया गया. यूनिवर्सिटी द्वारा शोध के लिए रखे गए सभी 12 विषयों-वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, हिन्दी, गृह विज्ञान, संगीत, ओड़िया, राजनीति विज्ञान, उर्दू एवं वाणिज्य में पीएचडी के लिए इच्छुक छात्राओं ने इसमें हिस्सा लिया.
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परीक्षा के सफल व शांतिपूर्ण संपन्न होने पर विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अंजिला गुप्ता ने कहा है कि शोध के बिना उच्च शिक्षा की कल्पना नहीं की जा सकती. जब महिलाओं की भागीदारी की बात आती है तो पता चलता है कि शोध के क्षेत्र में अभी भी बहुत कुछ किया जाना शेष है. हाल ही में राज्यसभा में दिए गए बयान में भारत सरकार ने बताया है कि पूरे भारत में 56,747 शोधार्थियों के साथ शोध में ‘आधी आबादी’ की भागीदारी महज 16.6 प्रतिशत ही है.
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उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कई उन्नत देशों से यह बहुत ही कम है. 22 जून को यूनिवर्सिटी के कार्यात्मक स्वरूप और मेरी नियुक्ति के लगभग एक वर्ष पूर्ण होने के तुरंत बाद आज प्रथम शोध प्रवेश परीक्षा संपन्न हो गई. इस कदम से यूनिवर्सिटी ने शोध के लिए मंच प्रदान करना प्रारंभ कर दिया है, जिससे उच्च शिक्षा में नामांकित झारखंड की महिलाएं शोध की ओर अग्रसर हो पाएंगी. शीघ्र ही यूनिवर्सिटी शोध के केंद्र के रूप में विकसित हो, यह मेरी प्राथमिकता है.