- एआईसीटीई की नोटिस और राजभवन के फरमान से कॉलेजों की परेशानी बढ़ी
Jamshedpur (Anand Mishra) : राज्य भर के अंगीभूत, प्राइवेट एवं सहायता प्राप्त सभी कोटि के कॉलेजों को उनके यहां संचालित बीबीए, बीसीए, बीएससी आईटी समेत सभी वोकेशनल कोर्स के लिए एआईसीटीई से स्वीकृति लेनी होगी. इस संबंध में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की एक नोटिस के हवाले से राजभवन की ओर से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को आदेश जारी किया गया है. इसे लेकर अंगीभूत कॉलेजों की परेशानी बढ़ गयी है.
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आवेदन नहीं कर पा रहे सरकारी कॉलेज
चूंकि राजभवन का आदेश है, इसलिए सरकारी (अंगीभूत) कॉलेजों को भी बीबीए, बीएससी आदि कोर्स के लिए एआईसीटीई की स्वीकृति लेनी है. इस बीच इन कॉलेजों को आवेदन करने में बाधा आ रही है. कॉलेजों की ओर से बताया जा रहा है कि अब आगे का रास्ता कमोबेश बंद नजर आ रहा है. वजह यह है कि आवेदन के क्रम में एक या दो स्टेप के बाद आगे की प्रक्रिया हो ही नहीं पा रही है.
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क्यों उत्पन्न हो रही समस्या
एआईसीटीई से मिली जानकारी के अनुसार स्टेट यूनिवर्सिटी के अंतर्गत संचालित अंगीभूत कॉलेजों के लिए स्वीकृति लेने की बाध्यता नहीं है, न ही यह उनके लिए अनिवार्य है. लेकिन परिषद की नोटिस पर राजभवन की ओर से विश्वविद्यालयों को सभी कोटि के कॉलेजों को एआईसीटीई से स्वीकृति लेने का आदेश जारी कर दिया गया है, इस वजह से अंगीभूत कॉलेजों के लिए स्वीकृति की अनिवार्यता हो गयी है.
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क्या है एआईसीटीई के नोटिस में
एआईसीटीई की ओर से प्रकाशित नोटिस में लिखा गया है कि बीबीए, बीएमए, बीसीए, टाउन प्लानिंग, डिजाइन मैनेजमेंट, होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी आदि कोर्स के संचालन के लिए परिषद की स्वीकृति लेनी होगी. हालांकि परिषद के पदाधिकारी का कहना है कि अंगीभूत कॉलेजों अथवा स्टेट यूनिवर्सिटी के लिए इसकी बाध्यता नहीं है. इस तरह नोटिस और पदाधिकारी के बयान में फर्क है.
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स्ववित्त पोषित होना भी एक कारण
अंगीभूत कॉलेज हों या सहायता प्राप्त सभी संस्थानों में सभी वोकेशनल कोर्स स्ववित्त पोषित (सेल्फ फाइनांसिंग) हैं. इन पाठ्यक्रमों का संचालन छात्रों की फीस से होने वाली आय एवं कॉलेजों को अपने आंतरिक स्त्रोत से करना पड़ता है. इसमें शिक्षकों की फीस भी शामिल होती है. ऐसे में स्वीकृति के लिए शुल्क जुटा पाना भी कॉलेजों के समक्ष एक समस्या है.
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आदेश है तो स्वीकृति लेनी ही है : कुलसचिव
कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ राजेंद्र भारती ने कहा कि एआईसीटीई ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. इसके साथ ही राजभवन ने भी आदेश जारी कर दिया है. ऐसे में राजभवन के आदेश को ध्यान में रखते हुए कॉलेजों को एआईसीटीई से स्वीकृति तो लेनी ही पड़ेगी.
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अब आगे का रास्ता ब्लॉक ही नजर आ रहा है : प्राचार्य
जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्राचार्य डॉ अमर सिंह ने कहा कि फिलहाल वोकेशनल कोर्स को लेकर आगे का रास्ता ब्लॉक ही नजर आ रहा है. राजभवन और विश्वविद्यालय के आदेश पर कॉलेज की ओर से स्वीकृति के लिए आवेदन करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन एक-दो स्टेप के बाद फार्म भवने की प्रक्रिया आगे बढ़ ही नहीं पा रही है. इस संबंध में विश्वविद्यालय, राजभवन और इस जोन के एआईसीटीई नोडल पदाधिकारी को लिख कर समस्या से अवगत कराया जा रहा है.
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कॉलेज परेशानी बतायें, ऑनलाइन समस्याओं का समाधान होगा : एआईसीटीई
एआईसीटीई के सदस्य सचिव प्रो राजन कुमार के हस्ताक्षर से संबंधित अधिसूचना जारी की गयी है. इस संबंध में दूरभाष पर उन्होंने बताया कि अंगीभूत या सरकारी कॉलेज, स्टेट यूनिवर्सिटी या सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए स्वीकृति लेने की बाध्यता नहीं है, लेकिन उन्हें कोर्स के संचालन में एआईसीटीई की गाइडलाइन का पालन करना होगा. गाइडलाइन वेबसाइट पर उपलब्ध है. लेकिन यदि राजभवन की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है, तब तो सभी कोटि के कॉलेजों व विश्वविद्यालयों को इसका अनुपालन करना होगा. इसके साथ ही आवेकन करने में कॉलेजों को जो परेशानी हो रही है, एआईसीटीई को अवगत करायें, उनकी समस्याओं का ऑनलाइन समाधान किया जायेगा.
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