Jamshedpur : दो वर्षों के कोरोना काल में सबसे ज्यादा कोई चीज प्रभावित हुई तो, वह बच्चों की शिक्षा है. बच्चों के बौद्धिक, मानसिक तथा शैक्षणिक विकास के लिए उन्हें वापस विद्यालय लाना होगा. उक्त बातें पूर्वी सिंहभूम की उपायुक्त विजया जाधव ने कही. वे मंगलवार को कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय सुन्दरनगर में रूआर-2022 (बैंक टू स्कूल कैंपेन) को लेकर आय़ोजिक कार्यशाला को संबोधित कर रही थी. उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार है. इससे उन्हें वंचित नहीं रखा जा सकता. विगत दो वर्षों में कोरोना संक्रमण के प्रभाव के कारण जो पठन-पाठन प्रभावित हुआ है. उसे हमें पटरी पर लाना है. इस दिशा में कदम उठाते हुए सरकार ने बैक टू स्कूल कैंपेन शुरु किया है. एक माह तक चलने वाले इस अभियान को जिले में शत प्रतिशत सफल बनाने की उन्होंने अधिकारियों एवं शिक्षकों से अपील की. उन्होंने कहा कि लंबे अंतराल की स्कूली दिनचर्या से छुट्टी के कारण बच्चों को स्वाध्याय में मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. उन्हें पढ़ने, समझने और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई आ रही है. जिसे दूर करने में यह अभियान कारगर सिद्ध होगा.
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कस्तूरबा की छात्राओं को डीसी ने पढ़ाया
कार्यशाला संपन्न होने के बाद उपायुक्त विजया जाधव कस्तूरबा विद्यालय की एक कक्षा में पहुंची. इस दौरान उन्होंने बच्चियों के बौधिक, मानसिक एवं शैक्षणिक विकास की जांच की. इस क्रम में उन्होंने छात्राओं को गणित से जुड़े प्रश्नों को हल करके बताया. साथ ही छात्राओं से स्वयं सवालों को हल करवाया. इस दौरान उन्होंने छात्राओं की कॉपियों की जांच की. पढ़ाने के दौरान कुछ बच्चियां असहज हुई. इस संबंध में उन्होंने विद्यालय की शिक्षिकाओं को निरंतर अध्ययन कराने का निर्देश दिया. चूंकि कोरोना काल में लगभग दो वर्षो तक विद्यालय बंद रहा. सभी बच्चियां अपने-अपने घरों में थी. इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई में उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. कुछ जुड़ पाती थी. कुछ के पास मोबाइल नहीं था. वहीं कुछ के पास नेटवर्क एवं डाटा की समस्या थी. दो वर्षों बाद अब विद्यालय नियमित हुआ है. उन्हें शैक्षणिक मुख्यधारा में जुड़ने में थोड़ा समय लगेगा.
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बैक टू स्कूल कैंपेन के दौरान ये गतिविधियां होंगी संचालित
प्रखंड स्तर पर बीडीओ की अध्यक्षता में सभी विभागों के प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, बीआरपी/सीआरपी, गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि, पीआरआई के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करना, सामुदायिक जागरूकता पर आधारित पोस्टर के माध्यम से स्कूलों में प्रचार-प्रसार करना, विद्यालय से बाहर रहने वाले बच्चे, अप्रवासी परिवार के बच्चे, विशेष आवश्यकता वाले बच्चे, कोरोना से प्रभावित बच्चों को चिन्हित कर उनका नामांकन सुनिश्चित करना, आगंनबाड़ी केन्द्र एवं निकटतम विद्यालयों के बीच विभागीय समन्वयन स्थापित करने, सभी स्कूलों में 8 से 11 अप्रैल तक रंग-रोगन, वर्गकक्ष की मरम्मति एवं शौचालय तथा पेयजल की समुचित व्यवस्था का अनुश्रवण कर प्रतिवेदन तैयार करने का कार्य किया जाएगा.