Jamshedpur: सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि कोविड-19 के पश्चात विश्व स्तर पर स्टील (इस्पात) की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि से स्टील के मूल्य में भी अप्रत्याशित वृद्धि हो गई है. इसकी वजह से स्थानीय एमएसएमई एवं निर्माण क्षेत्र (रियल इस्टेट) के समक्ष चुनौती की स्थिति उत्पन्न हो गई है. सांसद ने कहा कि एमएसएमई और निर्माण क्षेत्र देश में सर्वाधिक रोजगार के अवसर पैदा करता है, लेकिन इस्पात के मूल्य में बढ़ोतरी एवं अनुपलब्धता के कारण वह स्वयं संकट से जूझ रहा है. विद्युत वरण महतो आज हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आयोजित इस्पात मंत्रालय के परामर्शदात्री (संसदीय) समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे.
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सांसद ने की इंपोर्ट ड्यूटी घटाने की मांग
बैठक में सांसद ने सुझाव दिया कि आयात पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाई जानी चाहिए. जिससे विदेशों से इस्पात कम दाम पर देश में आ सके. दूसरी ओर एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाना चाहिए जिससे बेतहाशा और अनियंत्रित निर्यात पर रोक लगे और घरेलू बाजार में विशेषकर एमएसएमई सेक्टर और कन्स्ट्रक्शन सेक्टर के लिये इस्पात उपलब्ध हो सके. संसदीय समिति ने सांसद की बातों को गंभीरता पूर्वक सुना एवं इसे अपने एजेंडे में शामिल किया.
स्क्रैप की कमी के कारण इस्पात के उत्पादन पर असर
बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह ने की. बैठक में इस्पात उद्योग की वर्तमान स्थिति पर पूरी चर्चा की गई. इस दौरान वर्ष 2050 तक भारत को विश्व बाजार में प्रमुख इस्पात उत्पादक देश के रूप में स्थापित करने का विचार विमर्श किया गया. साथ ही इसके अनुरूप लक्ष्य निर्धारित किया गया. बैठक में इस बात पर भी चिंता व्यक्त की गई की स्क्रैप की कमी के कारण इस्पात के उत्पादन पर भारत में असर पड़ा है.
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