- आदिवासी समाज की आठ से ज्यादा जनजातियां दयनीय और अत्यंत पीछड़ी अवस्था में है.
Jamhsedpur (Rishabh Rahul) : लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय “विश्व आदवासी दिवस” का समापन बुधवार को हो गया. समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कोल्हान यूनिवर्सिटी के वित्त पदाधिकारी डॉ पीके पाणी उपस्थित थे. कार्यक्रम में डॉ पाणी ने कहा कि आदिवासी साहित्य, शोध, पत्रिकाओं के लेखन और प्रकाशन को बढ़ावा देने की जरूरत है.आदिवासी समाज की आठ से ज्यादा जनजातियां दयनीय और अत्यंत पीछड़ी अवस्था में है, इन्हें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास की मुख्य धारा में जोड़ने की आवश्यकता है. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रिंसिपल डॉ अशोक कुमार झा ने की. उन्होंने कहा कि आदिवासी युवा बच्चे विकासपरक, सकारात्मक परिवर्तन के संवाहक बने तभी झारखंड की संस्कृति समृद्ध होगी. दो दिवसीय इस कार्यक्रम में चित्रांकन, निबंध, भाषण और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन कर विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया. इस कार्यक्रम का संचालन प्रो संजीव मुर्मू और मानस सरदार ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ दिपंजय श्रीवास्तव और डॉ सुधीर कुमार ने किया. कार्यक्रम के दौरान प्रो विनोद कुमार, डॉ विजय प्रकाश, डॉ मौसमी पॉल, डॉ जया कच्छप, प्रो ऋतु, डा सुष्मिता धारा, प्रो मोहन, डॉ संतोष कुमार, डॉ प्रशांत , डॉ रानी , सौरव वर्मा, प्रो बाबूराम सोरेन, प्रो शिप्रा बॉयपाई, प्रो लुशी रानी मिश्रा, चंदन जायसवाल, रामनाथ सोरेन, शालू, सागेन बेसरा, विनय कुमार,उपस्थित थे.
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