Jamshedpur (Sunil Pandey) : बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना का बंद काम पुनः प्रारंभ करने की मांग को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों एवं सामाजिक कार्यकर्ता ने शुक्रवार को सिदो-कान्हो मैदान में एक दिवसीय उपवास रखा. इस दौरान उपस्थित लोगों ने लेटलतीफी का ठिकरा जिला प्रशासन तथा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग पर फोड़ा. उपवास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व जिला परिषद सदस्य किशोर यादव ने कहा कि सात वर्षों से योजना अधर में लटकी है. करोड़ो रुपया खर्च करके 75 प्रतिशत काम पूरा हो गया है. लेकिन दो वर्षों से काम बंद है. जिसके कारण योजना धरातल पर नहीं उतर पायी है. विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार बताते हुए उन्होंने कहा कि अब आर-पार की लड़ाई होगी. ग्रामीण जाग चुके हैं. इस उपवास कार्यक्रम के बाद आंदोलन का अगला पड़ाव उपायुक्त कार्यालय होगा. जहां ग्रामीण वृहद् रुप से धरना देंगे. जरूरत पड़ी को रांची मुख्यालय में भी आंदोलन किया जाएगा.
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बाढ़ में बह गया था बड़ौदा घाट में बना पुल का पिलर
राईजिंग पाईप बिछाने के लिए खरकई नदी में बड़ौदा घाट के पास पुल का निर्माण कराया जाना है. इसके लिए 22 पिलर बनाए जाने हैं. 11 पिलस का निर्माण कराया गया था. लेकिन विगत वर्ष आयी बाढ़ में कई पिलर ध्वस्त हो गए. उस समय पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशासनिक अधिकारियों ने बरसात का दौर खत्म होने के बाद पिलर का निर्माण कराए जाने का आश्वासन दिया था. लेकिन छह बाद बाद भी काम शुरु नहीं हो पाया. पूर्व जिला पार्षद किशोर यादव ने बताया कि बागबेड़ा बड़ौदा घाट पर ब्रिज बनाने का काम 2018 में ही पूरा हो जाना चाहिए था. लेकिन चार वर्षों बाद भी काम अधूरा है. जलापूर्ति योजना के लिए अब जनता और इंतजार नहीं करेगी. लोगों के सहयोग से वृहद् आंदोलन शुरु किया जाएगा.
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लोकसभा में भी उठ चुका है मामला
बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना का मामला गत वर्ष लोकसभा में भी उठ चुका है. सांसद विद्युत वरण महतो ने 25 मार्च को उक्त मामला लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उठाया था. योजना की कार्यकारी एजेंसी आईएलएफएस ने बिल व जीएसटी मद में बकाया राशि की मांग को लेकर एक साल से काम बंद रखा है. एजेंसी की ओर से 75 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है. हालांकि अभी इंटकवेल का काम, खरकई नदी पर पुल, पाइपलाइन और 20 हजार से अधिक घरों में कनेक्शन देने का काम रूका हुआ है.
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