Jamshedpur (Anand Mishra) : जमशेदपुर के करनडीह स्थित लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल (एलबीएसएम) कॉलेज के वर्चुअल सभागार में शुक्रवार को एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसका विषय “समर्थ भारत और युवा शक्ति” था. कॉलेज के प्राचार्य डॉ अशोक कुमार झा ने सभी अतिथियों का स्वागत और अभिनन्दन पौधा और अंगवस्त्र भेंट कर किया. संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ अशोक कुमार झा ने बताया कि किस तरह स्वामी विवेकानंद ने शिकागो सम्मेलन में समर्थ भारत की अवधारणा को विश्व पटल पर रखा. भारत को विश्व गुरु के रूप मे देखने के सपने को सार्थक करने के संदर्भ में प्राचार्य ने आज के विद्यार्थियों से कहा कि आप ग्राम को, समाज को और राष्ट्र को समर्थ बनाएं. अपने भीतर कौशल विकसित करे. उन्होने कहा कि हमारे मनीषियों द्वारा देखे गये सपनों में हमारा अपना योगदान क्या है? व्यक्तिगत उन्नति के साथ साथ हम क्या अपने भारत के लिये कुछ कर रहे हैं या सिर्फ स्वकेंद्रित होकर रह गये हैं, इसका विद्यार्थियों को चिंतन/मनन और आत्मावलोकन करना चाहिए.
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मुख्य वक्ता डॉ महेंद्र कुमार (प्रभारी उच्च शिक्षा संवर्ग, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ) ने कहा कि आज हम भारत को विश्व के श्रेष्ठ देशों के रूप में देखना चाहते हैं. जिस देश का नौजवान अपने इतिहास और भूगोल को भूल जाता है वह देश प्राय: मृतप्राय हो जाता है. उन्होंने कहा कि युवा हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत हैं. जब युवा सशक्त और समर्थ होगा तभी देश विकास की ओर अग्रसर होगा. विश्व भारत को बाजार के रूप में देखता है, किंतु भारत वसुधैव कुटुंबकम की बात करता है. यही दृष्टिकोण भारत को विश्व से अलग करता है. भारत मानवीय संवेदनाओं को समझने वाला तथा सर्वे भवंतु सुखिन: की संकल्पना वाला राष्ट्र है. उन्होंने विद्यार्थियों को भारत के अतीत पर गर्व करने के प्रति प्रेरित किया.
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श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय से आये डॉ अभय कुमार ने कहा कि किसी भी देश की शक्ति युवा होती है. उन्होंने प्राचीन भारतीय इतिहास को पढ़ने पर जोर दिया और कहा कि देश को सही से जाने और उस पर अभिमान करें, स्वयं के कार्यों के प्रति ईमानदार रहें. इसके अलावा अन्य अतिथियों में डॉ ब्रजेश कुमार, डॉ मन्मथ नारायण सिंह (खेल प्रभारी, कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा), डॉ शिप्रा मिश्रा तथा डॉ राजीव कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये. मंच संचालन डॉ विजय प्रकाश तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ पुरुषोत्तम प्रसाद ने किया. संगोष्ठी में डॉ पीके गुप्ता, डॉ डीके मित्रा, प्रो विनोद कुमार, डॉ अजेय वर्मा, प्रो संतोष राम, डॉ अरविंद पंडित, डॉ शबनम परवीन, डॉ सुधीर सुमन, डॉ प्रशांत, प्रो मोहन साहू, डॉ रानी, प्रो प्रमिला किस्कू, डॉ नूपुर रॉय, प्रो सलोनी रंजने, प्रो चंदन जायसवाल, प्रो बाबूराम सोरेन, प्रो शिप्रा बोयपाई समेत छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.