Jamshedpur (Sunil Pandey) : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं सुबे के आलाधिकारियों ने मंगलवार को पूर्वी सिंहभूम एवं सरायकेला-खरसावां जिले में चल रही विकास योजनाओं की समीक्षा की. तीन घंटे तक चली मैराथन बैठक में 10 से ज्यादा बिंदुओं की समीक्षा की गई. इस दौरान अधिकारियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अधिकारी पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ अपने कार्यों, जिम्मेदारियों एवं दायित्वों को निभाएं. योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई कोताही नहीं बरतें. जनता की समस्याओं को पूरी संवेदनशीलता के साथ सुनें और उसका समाधान करें. इसमें जो अधिकारी लापरवाही तथा ढिलाई बरतेंगे, उनके खिलाफ सरकार कठोर कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगी. उन्होंने कहा कि अभी जिला स्तर पर समीक्षा हो रही है. बहुत जल्द और आक्रमक तरीके से योजनाओं की जमीनी हकीकत को जानने के लिएवे आएंगे, अधिकारी पूरी तरह तैयार रहें.
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विकसित राज्य बनाने में तन मन से जुटें अधिकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग राज्य गठन के बाद पिछले 20 वर्षों में हमने सिर्फ “खेल” खेला है. गोल नहीं कर पाए हैं. इन वर्षों में राज्य में 24 घंटे बिजली -पानी की सुविधा, सिंचाई की समुचित व्यवस्था, रूरल कनेक्टिविटी, सड़कों की बेहतर व्यवस्था हो जानी चाहिए थी. इससे झारखंड को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाया जा सकता था. लेकिन, चिंता की बात है कि हकीकत में हम कहीं नहीं है. अब हमारे पास उतना वक़्त नहीं है. अधिकारियों को तेज गति से कार्य करना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विभिन्न योजनाओं पर हर साल बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च करती है. लेकिन, चिंता इस बात की है कि योजनाओं पर लाखों- करोडों रुपए निवेश होने के बाद भी उसका कोई डेटाबेस नहीं है. योजनाओं की क्या हकीकत है, इसकी भी सही से जानकारी नहीं मिल पाती है. ऐसे में हम कैसे आगे बढ़ेंगे. अधिकारी इसे गंभीरता से लें, ताकि योजनाओं पर निवेश का सकारात्मक परिणाम मिल सके. कहा कि विकास योजनाओं के लिए पैसे की कमी नहीं है. अधिकारी पूरी तन्मयता एवं ईमानदारी के साथ कार्यों का निष्पादन करें. परिणाम खुद ब खुद सामने होगा.
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गांव-पंचायत से ज्यादा अधिकारी, फिर भी योजनाएं क्रियान्वित नहीं
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश किया कि किसी भी योजना को लेकर कन्फ्यूजन नहीं हो. भ्रम की वजह से योजनाएं बंद बस्ते में नहीं डाली जानी चाहिए. उसका समाधान निकालें, क्योंकि योजनाओं को लंबित रखने से भविष्य में और परेशानियां बढ़ेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों जिलों (पूर्वी सिंहभूम एवं सरायकेला-खरसावां) में जितने गांव- पंचायत हैं, उससे कई गुना ज्यादा अधिकारी- कर्मचारी कार्यरत हैं. इसके बाद भी जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाना चिंता की बात है. सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं हैं. अधिकारी सामाजिक सुरक्षा से संबंधित योजनाओं का लाभ लोगों को देने में पूरी जिम्मेदारी निभाएं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि स्कूली विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति योजना और किसानों को मुख्यमंत्री सूखा राहत योजना का लाभ देने की दिशा में तेज गति से कार्य करें.
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भूमि संरक्षण पदाधिकारी को शोकॉज
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने हर एक विभाग की योजनाओं की अद्यतन प्रगति जानी. कई मामलों में अधिकारियों से सीधा संवाद किया. जमशेदपुर में डीप बोरिंग को लेकर लंबे समय से भुगतान से संबंधित मामलों का निष्पादन नहीं होने पर सरायकेला खरसावां जिला के भूमि संरक्षण पदाधिकारी (अतिरिक्त प्रभार पूर्वी सिंहभूम) विजय कुजुर को शो-कॉज करने का निर्देश सीएम ने दिया. साथ ही अधिकारियों को अपने विभागों की योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने एवं पारदर्शिता बरतने के लिए कहा. साथ ही चेताया कि लापरवाही एवं कोताही बरतने वाले अधिकारी बख्से नहीं जाएंगे. समीक्षा के दौरान बैठक में मौजूद जनप्रतिनिधियों ने अपने -अपने क्षेत्र की जन समस्याओं जिसमें सड़क जाम, अतिक्रमण, बिजली, पानी, से संबंधित मुद्दों से मुख्यमंत्री एवं उच्च पदाधिकारियों के संज्ञान में लाया. मुख्यमंत्री ने इसे लेकर अधिकारियों को त्वरित कार्यवाई करने का निर्देश दिया.
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बैठक में ये मंत्री व अधिकारी थे शामिल
समीक्षा बैठक में मंत्री चम्पाई सोरेन, सत्यानंद भोक्ता एवं बन्ना गुप्ता, विधायक सरयू राय, राम दास सोरेन, सविता महतो, संजीव सरदार, मंगल कालिंदी, खरसावां के विधायक दशरथ गगराई, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, डीजीपी नीरज सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव अबू बकर सिद्दीकी, सचिव अमिताभ कौशल, सचिव कृपानंद झा, आईजी अमोल होमकर, डीआईजी कोल्हान अजय लिंडा, सरायकेला खरसावां एवं पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक एवं दोनो जिलों के कई पदाधिकारी उपस्थित थे.
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