Ranchi : अगले दो साल में झारखंड को पर्याप्त बिजली प्राप्त होगी. 2022 में झारखंड को जहां 700 यूनिट सोलर एनर्जी मिलेगी, वहीं एनटीसीपी के 800 मेगावाट के एक प्लांट से बिजली का उत्पादन 2024 जनवरी से शुरू हो जाएगा. 11 जनवरी से झारखंड को 200 मेगावाट बिजली मिलनी शुरू हो गई है. वहीं इसी साल अगस्त महीने तक 700 मेगावाट सोलर एनर्जी मिलने लगेगी. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) के बीच जुलाई 2018 में हुए करार के झारखंड को 2.5 रुपये प्रति यूनिट की दर से सौर ऊर्जा मिल रही है.
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2023 तक कंप्लीट हो जाएगा NTPC का प्लांट
वहीं पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (पीजीसीआईएल) ने सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए ट्रांसमिशन शुल्क माफ कर दिया है. इसके कारण जेबीवीएनएल को केवल प्रति यूनिट सौर ऊर्जा के दर का भुगतान करना है. झारखंड के विभिन्न सरकारी भवनों के उपर लगे सौर ऊर्जा पैनल से भी करीब 25 मेगावाट सौर उर्जा का उत्पादन हो रहा है. जबकि पतरातू में बन रहे 800 मेगावाट के विद्युत उत्पादन प्लांट और नेटवर्किंग का काम 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा. जनवरी 2024 में इस प्लांट को शुरू करने की योजना है.
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राज्य को 2200-2300 मेगावाट बिजली की जरूरत
गौरतलब है कि राज्य में स्थापित विद्युत संयंत्रों की क्षमता 550 मेगावाट है. वहीं कोरवा और फरक्का से 50-50 मेगावाट बिजली मिल रही है और डीवीसी से 7 जिलों में 600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो रही है, जबकि झारखंड में प्रतिदिन 2200 मेगावाट बिजली की जरूरत है. ऐसे में इस साल मिलने वाली 700 यूनिट सोलर एनर्जी राज्य को बिजली कि किल्लत से राहत देगा.
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डिमांड के हिसाब से सप्लाई का लक्ष्य निर्धारित- प्रधान सचिव
राज्य में बिजली की किल्लत, बिजली की डिमांड और सप्लाई पर ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार ने कहा कि राज्य में बिजली की जरूरत अलग-अलग समय में घटती-बढ़ती रहती है. फिलहाल राज्य को 2200 से 2300 यूनिट बिजली की जरूरत है. हम एक उत्पादक के रूप में लक्ष्य निर्धारित नहीं कर रहे, बल्कि बिजली की खपत और डिमांड के हिसाब से बिजली उत्पादन करने वालों से बिजली लेकर उपभोक्ताओं को उपलब्ध करा रहे हैं.