Ranchi : झारखंड सरकार पर फिर डीवीसी का भारी-भरकम बकाया चढ़ गया है. इस बार जेबीवीएनएल पर डीवीसी का लगभग 2800 करोड़ बकाया है. यह राशि बिजली खरीद की है. पिछले छह महीने से निगम ने डीवीसी को बिजली खरीद का भुगतान नहीं किया है. उधर पिछले साल का बकाया भी लगभग 15 सौ करोड़ है. कुल मिलाकर डीवीसी का कुल बकाया 2800 करोड़ के आसपास पहुंच गया है.
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बिजली खरीद में कमी, लेकिन उपभोक्ताओं से वसूली भी घटी
पिछले साल से जेबीवीएनएल ने डीवीसी से बिजली खरीद में कमी की है. ऐसा जसीडीह और बिरनी प्रखंड को डीवीसी कमांड से हटाये जाने के कारण हुआ है. फिलहाल जेबीवीएनएल डीवीसी से हर महीने 550 के बदले 465 मेगावाट बिजली खरीद रहा है. इससे बिजली खरीद की राशि 250 करोड़ से घटकर 155 करोड़ प्रतिमाह हो गयी है. कोविड काल में लॉकडाउन की वजह से उपभोक्ताओं से बिजली बिल की वसूली में कमी आने के कारण निगम डीवीसी को भुगतान नहीं सका है.
झारखंड के खाते से 2100 करोड़ काट चुकी है केंद्र सरकार
साल 2019 के अंतिम महीने से डीवीसी और जेबीवीएनएल के बीच बकाया भुगतान को लेकर तनातनी की स्थिति बनी थी. तब डीवीसी का कुल बकाया 4900 करोड़ था. डीवीसी ने बार-बार राज्य में बिजली कटौती की. इसके बाद त्रिपक्षीय समझौते के तहत डीवीसी ने मामले को केंद्र सरकार तक पहुंचाया. केंद्र ने रिजर्व बैंक को राज्य मद से पैसा काट कर डीवीसी के खाते में जमा करने का निर्देश दिया. पहली किस्त में लगभग 1400 करोड़ और दूसरी में सात सौ करोड़ रुपये काट लिये गये. 21 सौ करोड़ की इस कटौती के बाद राज्य सरकार ने झारखंड, डीवीसी और केंद्र सरकार के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते से बाहर निकलने की घोषणा की थी.
डीवीसी को भुगतान के लिए राज्य सरकार देगी सब्सिडी
डीवीसी के बकाया के भुगतान के लिए इस बार राज्य सरकार ने जेबीवीएनएल को 2000 करोड़ की सब्सिडी देने का फैसला किया है. बकाया को लेकर डीवीसी साल 2019 से 2020 के बीच राज्य में कई बार बिजली कटौती कर चुका है. इस दौरान दो बार उच्च स्तरीय बैठक भी हुई. अंतिम बैठक जुलाई 2020 में हुई थी.
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