NewDelhi : दिल्ली में स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की वाइस चांसलर शांतिश्री धूलिपुड़ी ने आज बुधवार को कहा कि मैं जनता की इस धारणा को ठीक करना चाहती हूं कि हम टुकड़े-टुकड़े हैं… (गैंग). कहा कि पदभार संभालने के बाद मैंने किसी को भी इस तरह की बात करते नहीं देखा. हम किसी और की तरह ही राष्ट्रवादी हैं.
JNU is a free university. We respect individuals’ choices, it’s a melting pot of all identities. Young people have opinions and we appreciate diversity & dissent but let’s not end up having violence: JNU VC Santishree Dhulipudi Pandit on recent violence pic.twitter.com/HHQYh3rFuF
— ANI (@ANI) April 13, 2022
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रामनवमी पर छात्रों के दो समूहों के बीच संघर्ष के बाद यूनिवर्सिटी फिर चर्चा में
JNU में रामनवमी पर छात्रों के दो समूहों के बीच संघर्ष के बाद यूनिवर्सिटी फिर चर्चा में है. हिंसा पर जेएनयू की वीसी शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने कहा, जेएनयू एक स्वतंत्र विश्वविद्यालय है. हम व्यक्तियों की पसंद का सम्मान करते हैं, यह सभी पहचानों का एक पिघलने वाला बर्तन है. युवाओं की राय है और हम विविधता की सराहना करते हैं, मतभेद भी हो, लेकिन ये हिंसा पर जाकर नहीं होना चाहिए.
जेएनयू की वीसी ने कहा, रामनवमी हवन किया जाये या नहीं और खाने के मेन्यू को लेकर विवाद खड़ा हो गया. यह दो समूहों के संस्करण हैं. प्रॉक्टोरियल जांच का आदेश दिया गया था और हम रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं, यह निष्पक्ष जांच होगी.
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वामपंथी छात्र संगठन और एबीवीपी से संबद्ध दो समूहों के बीच झड़प
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कावेरी छात्रावास में रविवार को वामपंथी छात्र संगठन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से संबद्ध दो समूहों के बीच मेस में रामनवमी पर कथित तौर पर मांसाहारी भोजन परोसे जाने को लेकर झड़प हो गयी थी. पुलिस के अनुसार इस झड़प में 20 छात्र घायल हो गये थे.
किसी भी प्रकार की हिंसा से बचा जाना चाहिए : यूजीसी अध्यक्ष
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष और जेएनयू के पूर्व कुलपति जगदीश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसरों में किसी भी प्रकार की हिंसा से बचा जाना चाहिए. सोमवार को दोनों छात्र गुटों ने एक दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. वहीं जेएनयू के प्राधिकारियों ने दावा किया कि संघर्ष उस समय हुआ जब कुछ छात्रों ने हवन का विरोध किया. ऐसा ही आरोप राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध एबीवीपी ने लगाया है.
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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जेएनयू प्रशासन से रिपोर्ट मांगी
जान लें कि रामनवमी पर छात्रों के दो समूहों के बीच संघर्ष के मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से रिपोर्ट मांगी है. विश्वविद्यालय के छात्र संघ ने भी किसी उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई वाले आयोग से स्वतंत्र न्यायिक जांच कराने की मांग की है.
पुलिस पीड़ितों के बयान दर्ज करेगी
वाम समर्थित छात्र संगठनों की अगुवाई वाले जेएनयू छात्र संघ ने आरोप लगाया है कि एबीवीपी के सदस्यों ने मेस में मांसाहारी भोजन परोसे जाने का विरोध करते हुए छात्रों पर हमला किया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हालात शांत होने पर पुलिस पीड़ितों के बयान दर्ज करेगी. जेएनयू की घटना के खिलाफ यहां जामिया मिलिया इस्लामिया के बाहर छात्र संगठनों ने प्रदर्शन किया और कहा कि राम नवमी के नाम पर लोगों पर खाने की पसंद नहीं थोपी जा सकती.