Kharsawan : खरसावां में शनिवार को उत्कल सम्मेलनी ने उत्कल गौरव स्वर्गीय मधुसूदन दास की पुण्यतिथि मनाई गई. उत्कल सम्मेलनी जिला सरायकेला खरसावां कमेटी की ओर से कुमार शाही सामुदायिक भवन सभागार में मधुसूदन दास की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई. मौके पर उत्कल सम्मेलन के जिला कमेटी के सभी पदाधिकारी और सदस्यों ने उत्कल गौरव स्वर्गीय मधुसूदन दास के बताए मार्ग पर चलकर भाषा साहित्य संस्कृति उत्थान के लिए संकल्प लिया. उत्कल सम्मेलनी के जिलाध्यक्ष सुमंत चंद्र मोहंती ने कहा कि मधुसूदन दास के अथक प्रयास से 1903 में उत्कल सम्मेलन का गठन हुआ था. इसके बाद 1 अप्रैल 1936 को स्वतंत्रता ओडिशा प्रदेश का गठन में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ़
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इस अवसर पर उत्कल सम्मेलनी जिला परिदर्शक सुशील कुमार सारंगी ने कहा कि स्वर्गीय मधुसूदन दास उत्कल सभा उत्कल सम्मेलनी उत्कल साहित्य समाज समिति के विभिन्न संगठन से जुड़े हुए थे. षाड़ंगी ने कहा कि ओड़िया भाषा साहित्य का विकास ही हमारा लक्ष्य है. विकास के प्रति उत्कल सम्मेलनी हर समय हर पल गंभीर है. इसके लिए ऑडियो गांव-गांव जाकर हम सभी ने भाषा साहित्य विकास के लिए जन-जन तक पहुंच कर एवं महापुरुष मधुसूदन दास द्वारा उत्कल सम्मेलन की स्थापना के उद्देश्य को पूरा करेंगे तभी सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
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उन्होंने कहा कि मधुसूदन दास 4 फरवरी 1934 को उनकी देहांत हो गया था. उन्होंने सारा जीवन भाषा साहित्य संस्कृति के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस अवसर पर श्रद्धांजलि देने वाले में जिला के जिलाध्यक्ष सुमंत चंद्र महंती, सुशील कुमार सारंगी, जिला सचिव अजय कुमार प्रधान, जिला सदस्य नरेंद्र कुमार दास, जगजीत सारंगी, भरत चंद्र मिश्रा, विश्वजीत दास, चंद्रभानु प्रधान, सपन कुमार मंडल, सुजीत हाजरा, विश्वजीत प्रधान शिव चरण महतो आदि उपस्थित थे.