Kiriburu : झामुमो के जिला सचिव सोनाराम देवगम ने गुरुवार को जिला प्रशासन द्वारा की जा रही मनमानी के खिलाफ मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है. पत्र में जिला सचिव ने डीएमएफटी मद के योजनाओं के कार्यान्वयन व एजेंसी चयन में हो रही मनमानी, पक्षपात और कमीशन खोरी पर अंकुश लगाने की मांग की है. पत्र में उन्होंने कहा कि डीएमएफटी मद से स्वीकृत योजनाओं में कमीशन खोरी बुरी तरह से हावी है. इसके कारण विकास योजनाओं में इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है. जिला प्रशासन भी योजनाओं के लिए एजेंसी चयन में मनमानी करते हुए खुलेआम पक्षपात और भेदभाव कर रही है. जिला प्रशासन के एक वरीय पदाधिकारी द्वारा निर्धारित कमीशन की वसूली की गारंटी पर कार्यकारी एजेंसी का निर्धारण किया जा रहा है. इससे विकास कार्यों की गुणवत्ता सीधे तौर पर प्रभावित हो रही है.
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जिला प्रशासन ने कार्यकारी एजेंसी भवन प्रमंडल, चाईबासा को बनाया
झामुमो नेता ने प्रशासन द्वारा की जा रही मनमानियों के बारे में बताते हुए कहा कि हाल ही में झारखंड शिक्षा परियोजना व कल्याण विभाग की योजनाएं जिनको जिला में उपलब्ध डीएमएफटी मद से स्वीकृत किया गया है. इनमें विद्यालय व छात्रावास मरम्मती आदि योजनाएं शामिल हैं. मालूम हो कि जिले में झारखंड शिक्षा परियोजना व कल्याण विभाग का अपना अभियंता सेल होने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा मनमानी और पक्षपात कर नियम विरुद्ध प्रक्रिया के तहत उपरोक्त योजनाओं का कार्यकारी एजेंसी भवन प्रमंडल, चाईबासा को बनाया गया है. साथ ही एनआरईपी, चाईबासा जो जिला प्रशासन के अधीन विभाग है. एनआरईपी द्वारा चाईबासा में एक मछली घर का प्राक्कलन बनाया गया था. इसे लघु सिंचाई विभाग, चाईबासा द्वारा तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसे डीएमएफटी मद से स्वीकृति प्रदान किया गया है. उक्त योजना का कार्यकारी एजेंसी भी भवन प्रमंडल, चाईबासा को ही बनाया गया है.
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जिला प्रशासन ने सभी योजना गैर सरकारी/ अर्ध संगठन से कराने के लिए निविदा आमंत्रित कर दिया
जिला कृषि पदाधिकारी, पश्चिम सिंहभूम चाईबासा द्वारा 164 सोलर बेस्ड लिफ्ट इरिगेशन योजना का प्रस्ताव दिया गया था. इसे स्थानीय लाभुक समिति से कराने का प्रस्ताव रखा गया था. गौरतलब है कि इस प्रस्ताव से श्रमदान के रूप में कुल लागत की 10 प्रतिशत राशि की बचत होती. मालूम हो कि लघु सिंचाई योजनाओं को कराने के लिए जिला में सक्षम विभाग/ लघु सिंचाई विभाग/ झालको है. लेकिन उक्त विभाग को कार्य आबंटित करने के बजाए जिला प्रशासन ने विगत 14 मार्च 2022 को उपरोक्त सभी योजना गैर सरकारी संगठन/ अर्ध सरकारी संगठन/ कम्पनी/ फर्म के माध्यम से कराने के लिए अति अल्पकालीन निविदा आमंत्रित कर दिया है.
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वरीय पदाधिकारी अप्रत्यक्ष रूप से गैर सरकारी/ अर्ध संगठन को कार्य करना चाहते हैं आवंटित
जिला समाहरणालय के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला के एक वरीय पदाधिकारी अप्रत्यक्ष रूप से गैर सरकारी संगठन/ अर्ध सरकारी संगठन/ कम्पनी/ फर्म के माध्यम से अपने निकटस्थ व करीबी लोगों को उपरोक्त कार्य आवंटित करना चाहते हैं. जिले में जो विभाग कार्यकारी एजेंसी निर्धारित कमीशन वसूली में आगे रहता है उसी विभाग कार्यकारी द्वारा एजेंसी को ही कार्य आवंटित किया जा रहा है. अब इस तरह की घटना डीएमएफटी में आम हो चुकी है. पश्चिम सिंहभूम जिला में डीएमएफटी मद के संचालन में डीएमएफटी, पीएमकेकेकेवाई के गाइडलाईन व निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है. जिला में स्वास्थ्य सेवा को सुदृढ़ करने पर जिला प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है. इस मामले में जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियों की अनुशंसाओं को भी ठंडे बस्ते में डालने का काम किया जा रहा है.
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भ्रष्ट वरीय पदाधिकारियों के कारण राज्य सरकार की हो रही है बदनामी
झामुमो नेता ने कहा कि जिस मकसद से डीएमएफटी बनाया गया है, उस पर अमल नहीं किया जा रहा है. जिला प्रशासन के इस भ्रष्ट कार्यशैली व जिले में पदास्थापित चंद भ्रष्ट वरीय पदाधिकारियों के कारण राज्य सरकार की बदनामी हो रही है. साथ ही विपक्षी दलों को भी राज्य सरकार पर उंगली उठाने का अवसर प्राप्त हो रहा है. ऐसी स्थिति में यथाशीघ्र जिला के उन भ्रष्ट पदाधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई कर उन पर लगाम कसना आवश्यक प्रतीत होता है.
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