Kolkata : पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर जारी है. बीरभूम जिले में हुई 10 लोगों की हत्या के मामले के बाद नादिया में एक टीएमसी नेता की गोली मारकर हत्या कर दिये जाने की खबर आयी है. घटना बुधवार देर रात की है. मृतक का नाम सहदेव मंडल है. वह नादिया जिले में टीएमसी का स्थानीय कार्यकर्ता था. जानकारी के अनुसार सहदेव की पत्नी अनीमा मंडल बगुला की पंचायत सदस्य है. यह भी खबर आयी है कि हुगली के तारकेश्वर में तृणमूल कांग्रेस की महिला पार्षद को कार से रौंदने का प्रयास किया गया.
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सहदेव मंडल लहूलुहान अवस्था में सड़क पर गिरे हुए थे
बता दें कि नादिया में सहदेव मंडल बुधवार रात लहूलुहान अवस्था में सड़क पर गिरे हुए थे. लोगों ने उन्हें बगुला के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. हालत बिगड़ने पर उन्हें कृष्णानगर अस्पताल ले जाया गया, जहां सहदेव की मौत हो गयी. महिला पार्षद रूपा सरकार को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पश्चिम बंगाल में पिछले महीने नगर निकायों के चुनाव हुए थे. इसके बाद से लगातार राजनीतिक हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं.
बीरभूम में भी हिंसा की शुरुआत टीएमसी के एक पंचायत नेता की हत्या से ही हुई थी. इसलिए आशंका जताई जा रही है कि बीरभूम के रामपुरहाट जैसी हिंसा कहीं नादिया में न हो जाये. रामपुरहाट में भादू शेख की हत्या कर दी गयी थी. इसके 10 लोगों को जिंदा जला दिया गया. इनके घरों को आग लगा दी गयी थी. बड़ी संख्या में लोग घायल भी हैं.
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कलकत्ता हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
बीरभूम हिंसा के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. वहां बुधवार को मामले की सुनवाई हुई. उधर सीएम ममता बनर्जी ने इस हिंसा को लेकर घिरने पर यूपी, राजस्थान, मप्र जैसे राज्यों में भी ऐसी हिंसा होने की आड़ लेकर बचने की कोशिश की. बंगाल सरकार ने बीरभूम हिंसा की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) बनाया है. प्रमुख एडीजी सीआईडी ज्ञानवंत सिंह को बनाया गया है. बीरभूम हिंसा मामले में अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
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हिंसाग्रस्त रामपुरहाट में लगाये जा रहे सीसीटीवी कैमरे
कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर हिंसाग्रस्त रामपुरहाट में सीसीटीवी कैमरे लगाये जा रहे हैं. 23 मार्च को हाईकोर्ट ने क्षेत्र में कैमरे लगाने व 24 घंटे निगरानी रखने का निर्देश दिया था. रामपुरहाट हिंसा मामले पर कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश खंडपीठ ने गुरुवार दोपहर 2 बजे तक राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. हाई कोर्ट ने जिला जज की मौजूदगी में सीसीटीवी कैमरे लगाने और घटनास्थल की चौबीसों घंटे निगरानी करने का भी निर्देश दिया है.