Kiriburu (Shailesh Singh) : किरीबुरु-मेघाहातुबुरु के सांस्कृतिक कलाकारों की ओर से ठेकेदार कॉलोनी में बिहार व उत्तर प्रदेश का पारम्परिक फगुआ गीत का आयोजन किया गया. इस दौरान सबों ने होली खेलैं रघुवीरा… नदिया सरजू के तीरा… आज बिरज में होली रे रसिया…केकय हाथै कनक पिचकारी केकैय हाथै अबीरा… बसवरिया से कागा उड़ भागा, मोरा सइयां… छलिया का वेश बनाया… श्याम होली खेलने आया… जैसे कई फगुआ गीत लोग गाते और झूमते रहे. फगुआ दरअसल होली में गाया जाने वाला पारंपरिक गीत है. यह मूलरूप से उत्तर प्रदेश और बिहार में गाए जाने वाले लोकगीत हैं. इन गीतों को लोग टोली बनाकर ढोलक और मंजीरे की थाप पर गाते हैं.
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होली वाले दिन रंग खेलकर शाम को लोगों की टोली घर-घर जाकर फगुआ गीत गाती थी. तब दरवाजे पर आने वाली इस टोली का घर की महिलाएं स्वागत करती थीं और उनको होली पर बने व्यंजन खिलाती थीं. यूपी, बिहार में फगुआ गाए बिना आज भी होली अधूरी मानी जाती है. कार्यक्रम में ब्रह्मदेव सिंह, वीरेन्द्र मिश्रा, बसंत सिंह, रत्नेश तिवारी, विनय सिंह, प्रवीण सिंह, व्यास रामाशीष, जितेन्द्र भगत, अजय गिरी, ब्रह्मानंद गिरी, दिनेश गुप्ता, उपेन्द्र, मनोज सिंह, राम भवन गुप्ता, पवन झा, हर्ष सिंह, प्रियांश सिंह, हरेन्द्र प्रसाद, अमन सिंह, श्याम सुंदर गुप्ता, संजय कुमार गुप्ता, ओम गुप्ता, अनंत प्रसाद स्वर्णकार समेत अन्य लोग शामिल थे.
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