- सुशील बारला बोले- जांच हुई तो चारा घोटाला से भी बड़ा घोटाला होगा साबित
Kiriburu (Shailesh Singh) : आदिवासी समन्वय समिति (आस) के संयोजक सुशील बारला ने आस कार्यकर्ताओं के साथ आनन्दपुर प्रखण्ड के कुड़ाना, महिषगाड़ा, लोरपोण्डा एवं रूँधी तथा सारंडा के मारंगपोंगा गांव का दौरा कर ग्रामीणों की समस्याएं सुनी. कुड़ाना के ग्रामीणों ने बताया कि सुरीन टोला में लगाए गए जलमीनार विगत एक साल से खराब है. इस बाबत मुखिया को मरम्मति हेतु आवेदन दी गई. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
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रूंधी के ग्रामीणों ने भी बताया कि मुण्डा टोला का जलमीनार विगत एक साल से खराब है. इसी तरह लोरपोण्डा गांव के ओडेया टोला का जलमीनार भी विगत दस माह से खराब है जिससे पेयजल की भीषण समस्या वर्तमान के साथ-साथ गर्मी में उत्पन्न होगी. इसके अलावे सारंडा के गंगदा, छोटानागरा एवं दीघा पंचायत स्थित जलमीनार योजना से पंचायत के तमाम गांवों व लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने की सरकारी योजना पुरी तरह से फेल अथवा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है. मारंगपोंगा का जलमीनार 5-7 वर्षों से अब तक अधूरा है. शायद विभागीय अधिकारी व संवेदक इस योजना का पैसा का बंदबांट कर लिये.
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सुशील बारला ने ग्रामीणों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि सभी खराब जलमीनारों के बाबत संबंधित अधिकारीयों को तत्काल मरम्मति करवाने को कहा जाएगा. उसके बावजूद मरम्मति नहीं किया जाएगा तो आस कार्यकर्ताओं के साथ आपके समस्याओं के समाधान हेतु चरणबद्ध आन्दोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगा. उन्होंने कहा कि सारंडा समेत पश्चिम सिंहभूम जिले में पिछले 10 वर्षों के दौरान पेयजल विभाग से की गई योजनाओं की निष्पक्ष जांच करा दी जाये तो यह चारा घोटाला से भी बडा़ घोटाला सामने आयेगा.
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उन्होंने कहा कि उपरोक्त सभी गांव के लोग जलमीनार खराब रहने के कारण नदी, नाला और चुआं का पानी पीने को विवश हैं. श्री बारला ने कहा कि प्रखण्ड में करोड़ों से बना जल-नल-योजना सफेद हाथी साबित हो रहा है. दौरा में कुड़ाना ग्राम-सभा के अध्यक्ष सुनील भेंगरा, आनन्दपुर आस प्रखण्ड प्रभारी बलदेव जाते, सह प्रभारी नेल्सन लुगुन, बरदान ओडेया, मुण्डा जीवन कंडायबुरु,नियरजन सुरीन आदि शामिल थे.
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