Ranchi : झारखंड प्रदेश विद्यालय रसोईया-संयोजिका अध्यक्ष संघ मंगलवार 23 फरवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर संघ की 15 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे. मंगलवार को संघ प्रदर्शन के माध्यम से मुख्यमंत्री आवास जाकर ज्ञापन सौंपेगा. इसके लिए संघ ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे उनके मांग पत्र को स्वीकार करेंगे. साथ ही उनकी मांगों को पूरा करने की दिशा में कार्य करेंगे. उनका कहना है कि अगर 23 फरवरी को सरकार उनके हक में कोई निर्णय नहीं लेती है तो 26 फरवरी से विधानसभा के सामने धरना पर बैठेंगे और अनशन करेंगे. 26 फरवरी से सरकार का बजट सत्र शुरू होने वाला और इसी दौरान संघ धरना देगा. इसमें पूरे राज्य से रसोईया, संयोजिका और अध्यक्ष हिस्सा लेंगे.
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रसोईया-संयोजिका संघ की क्या हैं मांगें
संघ के सदस्यों ने बताया कि उनकी सरकार से मुख्य मांग है कि रसोईया-संयोजिका को अस्थाई और न्यूनतम वेतन से जोड़ने का काम किया जाए, एक वर्ष में दो वस्त्र, एप्रोन, कैप दिया जाए, 5 लाख का निःशुल्क बीमा कराया जाए, आईडी कार्ड दिया जाए. इसके साथ ही उनका कहना है कि झारखंड सरकार के शिक्षा सचिव ने 2016 में आदेश दिया था कि हटाए गए रसोईया संघ को फिर से काम पर रखा जाए. इसके तहत हटाई गईं रसोईया संयोजिका को काम पर रखा जाए. इसके अलावा स्कूल में बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा व्यवस्था स्थापित करने जैसी संघ की अन्य मांगें भी हैं.
रसोईया-संयोजिकाओं की आर्थिक हालत बदतर
मौके पर बताया गया कि झारखंड राज्य के स्कूलों के रसोईया, संयोजिकाओं, अध्यक्षों की आर्थिक स्थिति काफी खराब है. प्रदर्शन में स्कूलों के रसोईया शामिल हो रहे हैं, जिनकी रोजाना आय 42 रुपये है. साथ ही पिछले 17 वर्षों से फ्री में काम कर रहीं संयोजिका और अध्यक्ष भी प्रदर्शन में शामिल होंगे. इसमें शामिल होने के लिए कई लोगों ने अपने घर का चावल और अन्य जरूरी सामान बेच दिया है. मौके पर मुख्य रूप से संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजीत प्रजापति, प्रदेश कोषाध्यक्ष अनीता देवी केसरी, प्रदेश महासिचव प्रेमनाथ विश्वकर्मा आदि शामिल रहे.
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