NewDelhi : खबर है कि भारत के मध्य प्रदेश स्थित कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में नामीबिया से लाये गये सभी 8 चीतों को बड़े बाड़ों में छोड़ दिया गया है. सभी चीते स्वस्थ बताये जाते हैं. अब चीते खुद अपना भोजन तलाशेंगे. जानकारी के अनुसार सोमवार को तीन मादा चीतों को रिलीज करते हुए बड़े बाड़ों में छोड़ा गया, इससे पहले दो मादा चीतों और 3 नर चीतों को रिलीज किया गया था. अधिकारियों के अनुसार चीतों को बड़े बाड़े में छोड़े जाने से पहले एक आदमखोर बाघ इन बाड़ों में छिपा हुआ था. जिससे चिंता बढ़ गयी. लेकिन बाद में बाघ बाड़े से निकल गया, जिसके बाद अधिकारियों ने राहत मिली.
इसे भी पढ़ें : ‘द कश्मीर फाइल्स’ बयान पर विवाद, इजराइल के राजदूत ने IFFI जूरी हेड को खरी-खोटी सुनाई, कहा-शर्म आनी चाहिए
सोमवार को मादा चीतों सवाना, शाशा और सियाया को बड़े बाड़े में छोड़ा गया
बता दें कि ये चीते 73 दिनों से क्वारंटीन में थे. 5 नवंबर को दो सगे चीता भाइयों को बड़े बाड़े में शिफ्ट किया गया. इसके बाद 18 नवंबर को एक अन्य चीते को बड़े बाड़े में छोड़ा गया. बाद में तीनों नर चीतों की मूवमेंट और उनके सही स्वास्थ्य को देखते हुए मादा चीतों को छोड़ने का निर्णय लिया गया. खबर है कि रविवार को दो मादा चीतों आशा और तब्लिसी को रिलीज किया गया. सोमवार को अन्य तीन मादा चीतों सवाना, शाशा और सियाया को बड़े बाड़े में छोड़ा गया.
इसे भी पढ़ें : श्रद्धा हत्याकांंड : आफताब ने कहा- फांसी भी मिली तो अफसोस नहीं, जन्नत में मिलेगी हूर, 20 हिंदू लड़कियों से रहा है संबंध
मादा चीतों को बड़े बाड़े में छोड़े जाने से पहले भोजन दिया गया
कूनो नेशनल पार्क के अफसरों के अनुसार तीनों मादा चीतों को सोमवार को बड़े बाड़े में छोड़े जाने से पहले भोजन दिया गया. फिर एक साथ तीनों को बड़े बाड़े में रिलीज कर दिया. इस दौरान चीता टास्क फोर्स के सदस्य और भारतीय वन जीव देहरादून के डीन वाय वी झाला, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के आईजी अमित मलिक और मध्य प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जे एस चौहान के साथ ही कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश वर्मा भी मौजूद थे.
चीते भारत की धरती के वातावरण में घुल चुके हैं
नामीबिया से 8 चीतों के साथ भारत आये नामीबिया के विशेषज्ञों का मानना है कि चीते भारत की धरती पर यहां के वातावरण में घुल चुके हैं. सभी चीते तंदरुस्त और पूरी तरह स्वस्थ हैं. अब ये चीते अपना पेट भरने के लिए खुद ही शिकार करेंगे. विशेषज्ञों की टीम चीतों के व्यवहार की मॉनिटरिंग में जुटी हुई है.




