NewDelhi : खबर है कि महाराष्ट्र के CM शिंदे ने शिवसेना पर दावा ठोकते हुए आज 12 सांसदों की परेड लोकसभा स्पीकर के पास करायी. शिंदे ने दावा किया है कि शिवसेना के 19 में से 18 सांसदों का समर्थन उनके पास है. इधर मुंबई से खबर आयी है कि उद्धव ठाकरे ने बैठक बुलाई है. मीटिंग में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को तलब किया गया है. महानगरपालिका अध्यक्षों को भी बैठक में शामिल रहने का निर्देश भेजा गया है.
महाराष्ट्र सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट में कल 20 जुलाई को सुनवाई होगी. महाराष्ट्र संकट पर CJI एनवी रमना की बेंच बुधवार को सुनवाई करेगी. इसमें शिंदे गुट के 16 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द होने पर फैसला हो सकता है. इससे पहले कल देर रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दिल्ली पहुंच गये. सूत्रों के अनुसार आज मंगलवार को वे चुनाव आयोग जाकर शिवसेना पर अपना दावा ठोकेंगे. बता दें कि शिंदे दिल्ली पहुंचने के बाद गृहमंत्री अमित शाह से मिले. इससे पूर्व शिंदे गुट ने सोमवार को शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी भंग कर दी थी.
Delhi | We have unwavering faith & trust in our judiciary. In a democracy, the majority (in Assembly) holds significance. We’ve followed all the rules: Maharashtra CM Eknath Shinde on plea in SC by Uddhav Thackeray camp challenging disqualification which is to be heard on July 20 pic.twitter.com/Tg8GhfZPfn
— ANI (@ANI) July 18, 2022
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12 सांसदों को मिली है वाई प्लस सुरक्षा
शिवसेना के 12 सांसदों को केंद्र सरकार द्वारा वाई प्लस की सुरक्षा दी गयी है. सूत्रों के अनुसार शिवसेना के 19 में से 12 सांसद अलग गुट का दावा लोकसभा में पेश कर सकते हैं बता दें कि .एकनाथ शिंदे के साथ सोमवार को हुई ऑनलाइन मीटिंग में शिवसेना के 12 सांसद शामिल हुए. इसमें सदाशिव लोखंडे, हेमंत गोडसे, हेमंत पाटील, राजेंद्र गावित, संजय मंडलीक, श्रीकांत शिंदे, श्रीरंग बारणे, राहुल शेवाळे, प्रतापराव जाधव, धैर्यशील माने, कृपाल तुमाने, भावना गवली शामिल हुए. वहीं विनायक राउत, अरविंद सावंत, गजानन कीर्तिकर, संजय जाधव, ओम राणे निम्बालकर और राजन विचार सोमवार को शिंदे की ओर से बुलाई गयी बैठक में शामिल नहीं हुए.
खबर है कि सांसद मंगलवार को प्रधानमंत्री से भी मुलाकात कर सकते हैं महाराष्ट्र संकट को लेकर अब सबकी नजर 20 जुलाई को होने वाली सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर है मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और हेमा कोहली की पीठ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले खेमे और एकनाथ शिंदे खेमे की याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही मामला साफ होगा
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही शिवसेना की लड़ाई निर्णायक मोड़ पर आयेगी. जान लें कि शिवसेना के 40 विधायक और 13 सांसदों ने अपनी मूल पार्टी (उद्धव की शिवसेना) से नाता तोड़ लिया है. बागी गुट के नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सांसदों और विधायकों की संख्या के आधार पर दावा किया है कि उनके पास दो तिहाई जनप्रतिनिधि हैं, इसलिए असली शिवसेना उनकी है
जानकारों का कहना है कि 21 जून को हुई कार्यकारणी की बैठक के पैमाने से उद्धव के पास कार्यकारिणी का बहुमत है. बैठक में पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को फिर से चुना गया था सभी ने उद्धव ठाकरे को पार्टी के फैसले लेने का अधिकार दिया था. इस अवसर पर यह भी तय किया गया कि शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल कोई और नहीं करेगा.
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शिवसेना संगठन का स्ट्रक्चर जानें
शिवसेना की स्थापना 1966 में क्षेत्रीय दल के रूप में हुई थी. शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने 1976 में शिवसेना के संविधान का मसौदा तैयार कियाय इस संविधान के अनुसार सर्वोच्च पद यानी शिवसेना प्रमुख के बाद 13 सदस्यों की कार्यकारी समिति पार्टी को लेकर कोई भी निर्णय ले सकती है. 1989 में चुनाव आयोग ने राज्य स्तरीय पार्टी के रूप में शिवसेना को धनुष बाण चिह्न प्रदान किया.
शिवसेना पार्टी प्रमुख सर्वोच्च पद है
पार्टी संविधान के अनुच्छेद 11 में कहा गया है कि शिवसेना पार्टी प्रमुख’ सर्वोच्च पद है प्रतिनिधि सभा के पास राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों को हटाने का अधिकार है पार्टी प्रमुख द्वारा नियुक्त राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य को हटाने का अधिकार ‘पार्टी प्रमुख’के पास होता है इसलिए, उद्धव ठाकरे के पास पार्टी प्रमुख के रूप में चुनाव रद्द करने का पूरा अधिकार है इस अधिकार का इस्तेमाल कर उन्होंने शिंदे और गवली के खिलाफ कार्रवाई की है.