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विपक्ष हुआ हमलावर तो सेना आयी सामने, कहा, जाति प्रमाण पत्र पहले भी मांगा जाता था, अग्निवीर के लिए नियमों में बदलाव नहीं

NewDelhi : सेना ने इन आरोपों का खंडन कर यह साफ कर दिया है कि सेना में किसी भी भर्ती में पहले भी उम्मीदवारों से जाति प्रमाण पत्र  मांगा जाता था. जान लें कि अग्निवीर योजना के तहत होने वाली भर्ती योजना में जाति प्रमाण पत्र और धर्म प्रमाण पत्र मांगने को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है. हालांकि सेना ने कहा है कि अग्निपथ योजना में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसे भी पढ़ें : हिंदुओं">https://lagatar.in/on-the-demand-of-minority-status-for-hindus-the-sc-said-it-should-be-determined-state-wise-told-the-petitioner-set-a-concrete-example/">हिंदुओं

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सेना की बहाली में जाति प्रमाणपत्र की क्या जरूरत है

जदयू के उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर कहा है कि सेना की बहाली में जाति प्रमाणपत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है. उन्होंने ट्वीट कर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से यह सवाल पूछा है. कहा है कि माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी, सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है, संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए. राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी केंद्र सरकार पर हल्ला बोला है. इसे भी पढ़ें :  सुबह">https://lagatar.in/morning-news-diary-19-july-ranchi-draupadi-75-20-percent-votes-for-yashwant-ed-interrogated-dahu-bachchu-then-corona-started-scaring-draupadi-murmu-inspiration-for-the-tribals-action-on-267-i/">सुबह

की न्यूज डायरी।। 19 जुलाई।। रांची: द्रौपदी-75,यशवंत को 25 फीसदी वोट।। ED ने की दाहू-बच्चू से पूछताछ।। फिर कोरोना डराने लगा।। द्रौपदी मुर्मू: आदिवासियों के लिए प्रेरणा।। झारखंड के 267 उद्योगों पर कार्रवाई।। समेत कई खबरें और वीडियो।।

पहली बार सेना भर्ती में जाति पूछी जा रही है!

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह समेत तमाम विपक्षी सांसदों ने अग्निपथ योजना पर सवाल उठाते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा था. संजय सिंह ने भर्ती प्रक्रिया से जुड़े आदेश को शेयर करते हुए लिखा था कि मोदी सरकार का चेहरा देश के सामने आ चुका है. क्या नरेंद्र मोदी पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को सेना में भर्ती होने के काबिल नहीं मानते, भारत के इतिहास में पहली बार सेना भर्ती में जाति पूछी जा रही है.

हर चीज के लिए पीएम मोदी को दोष देने की  सनक

भाजपा सोशल मीडिया हेड अमित मालवीय ने संजय सिंह के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, सेना ने 2013 में सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में स्पष्ट किया था कि वह जाति, क्षेत्र और धर्म के आधार पर भर्ती नहीं करती है. कहा कि शासनिक सुविधा और परिचालन आवश्यकताओं के लिए एक क्षेत्र से आने वाले लोगों के समूह को एक रेजिमेंट में रखने को उचित ठहराती है. अमित मालवीय ने लिखा, हर चीज के लिए पीएम मोदी को दोष देने की इस सनक का मतलब है कि संजय सिंह जैसे लोग हर दिन अपने पैर को मुंह में डालते हैं. सेना की रेजीमेंट प्रणाली अंग्रेजों के जमाने से ही अस्तित्व में है. स्वतंत्रता के बाद, इसे 1949 में एक विशेष सेना आदेश के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया था. मोदी सरकार ने इसमें कुछ नहीं बदला. बता दें कि सेना बहाली में आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट जारी कर दी गयी है. इन दस्तावेजों में मूल निवासी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, स्कूल प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र सहित अन्य डॉक्युमेंट्स मांगे गये हैं. [wpse_comments_template]
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