MumbaI : महाराष्ट्र सरकार की मुसीबत बढ़ती जा रही है. पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार केंद्रीय एजेंसियों के रडार पर है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा महाराष्ट्र राज्य कोऑपरेटिव बैंक घोटाला मामले में उपमुख्यमंत्री अजित पवार से जुड़ी 65.75 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त किये जाने जानकारी सामने आयी है. इन संपत्तियों में कोरेगांव के चिमनगांव स्थित चीनी मिल की जमीन, इमारत, प्लांट और मशीन शामिल हैं. यह प्रॉपर्टी 2010 में इसी कीमत पर खरीदी गयी थीं.
Agency has right to conduct inquiry. Earlier CID & ACB did investigation but nothing came out. EoW probe is also underway. Investigation done from all sides but nothing came out: Maharashtra Deputy CM Ajit Pawar on ED attaching a sugar mill linked to him, in money laundering case pic.twitter.com/oUe1N4SaHR
— ANI (@ANI) July 2, 2021
जब्त संपत्तियों का मालिकाना हक मेसर्स गुरु कमोडिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के पास
प्रवर्तन निदेशालय ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा है कि जब्त संपत्तियों का मालिकाना हक मेसर्स गुरु कमोडिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के पास है. इसे मेसर्स जरंडेश्वर सहकारी शुगर कारखाना (जरंडेश्वर एसएसके) को लीज पर दिया गया है. ED के अनुसार जरंडेश्वर सहकारी शक्कर कारखाने की ज्यादातर हिस्सेदारी मेसर्स स्पार्कलिंग सॉयल प्राइवेट लिमिटेड के पास है.
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उपमुख्यमंत्री अजित पवार से भी पूछताछ संभव है
यह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार से जुड़ी हुई बतायी जाती है. इस मामले में अजित पवार को नोटिस भेजे जाने की बात कही गयी है. जल्द ही उपमुख्यमंत्री अजित पवार से भी पूछताछ संभव है. हालांकि अजित पवार ने कहा कि उन्हें जांच एजेंसी की ओर से कोई नोटिस नहीं मिला है और उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.
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अजित पवार पर फर्जी कंपनी बनाने का आरोप
अजित पवार और उनकी पत्नी पर आरोप है कि मालिकाना अधिकार पाने के लिए मेसर्स गुरु कमोडिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड नाम की फर्जी कंपनी बनायी. इसके अलावा जरंडेश्वर शक्कर कारखाने के जरिए सहकारी शक्कर कारखाने के नाम पर पुणे जिला केंद्रीय को ऑपरेटिव बैंक से 700 करोड़ रुपए का कर्ज ले लिया.
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मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है प्रवर्तन निदेशालय
इस मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 2019 में एक FIR दर्ज की थी. ED इसी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर छानबीन कर रही है. ED का दावा है कि 2010 में महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक ने जरंडेश्वर सहकारी शक्कर कारखाने को नीलाम किया था, लेकिन जानबूझकर इसकी कीमत कम तय की गयी.
जांच एजेंसी के अनुसार पवार महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल थे और प्रभावशाली लोगों में से हैं. सहकारी शक्कर कारखाना गुरु कमोडिटी सर्विसेस लिमिटेड ने खरीद लिया और तुरंत इसे जरंडेश्वर सहकारी शक्कर कारखाने को लीज पर दे दिया.
पवार परिवार ने चीनी मिलों पर किया है कब्जाः सोमैया
इस मामले में भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि ED ने अजित पवार की बेनामी शक्कर कारखाने की संपत्ति जब्त की है. कहा कि शरद पवार के परिवार ने सहकारी बैंक में घोटाला कर ऐसे कई शक्कर कारखाने अपने नाम किये हैं। रोहित पवार ने इसी तरह से एक शक्कर कारखाना अपने कब्जे में लिया है इसकी भी जांच होनी चाहिए.