Bagha : बाघ के हमले में एक किसान की मौत हो गई. किसान अपने परिजनों के साथ खेत में सोहनी कर रहा था, उसी दौरान गन्ने के खेत में छिपे आदमखोर बाघ ने उसपर हमला कर दिया और उसकी जान ले ली. मृतक की पहचान बगहा के बरवा गांव के रामप्रसाद उरांव के रूप में हुई है. बाघ ने हमला वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के हरनाटांड़ वनक्षेत्र अंतर्गत बैरिया काला के बैरिया गांव के समीप किया.
ग्रामीणों ने बताया कि बरवा गांव के किसान रामप्रसाद उरांव बैरिया मैदान के पास सरेह स्थित खेत में अपने परिजनों के साथ सोहनी कर रहा था. तभी गन्ना के खेत में छिपा आदमखोर बाघ ने उसपर जानलेवा हमला कर दिया. बाघ को देख रामप्रसाद की पत्नी चीखने-चिल्लाने लगी. जिसके बाद बाघ रामप्रसाद को घसीटकर गन्ना के खेत में ले गया. हो-हल्ला के बाद भारी संख्या में गांव के लोग खेत के पास जुट गये, मगर बाघ भागने को तैयार नहीं. वह रामप्रसाद के शव के पास अड़ा रहा. काफी देर तक लोगों के हो-हल्ला करने के बाद बाघ वहां से भागा. जिसके बाद लोगों ने रामप्रसाद के शव को निकालकर गांव ले गए. बाघ के हमले में किसान की मौत को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है. घटना की जानकारी मिलने के बाद एसडीएम, एसपी, डीएफओ मौके पर पहुंचे और आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया. एसडीएम ने बताया कि आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग एक्सपर्ट टीम को बुला रही है, जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा.
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कब-कब बाघ ने ग्रामीण पर किया हमला
बता दें कि इसके पूर्व में भी बाघ छह लोगों पर हमला कर चुका है. इसी साल 8 मई को गांव के बगीचे में खेल रहे बच्चे पर बाघ ने हमला कर दिया था. इलाज के बाद किसी तरह बच्चे की जान बची.
चिउटाहां वनक्षेत्र के जिमरी के 12 वर्षीय राजू बैठा की बाघ के हमले में मौत हो गयी. 15 जुलाई को बैरिया कला गांव के 65 वर्षीय बुजुर्ग धर्मराज काजी का क्षत-बिछत शव बरामद हुआ था. वह खेत देखने गए थे और लापता हो गए थे. जांच में बाघ के हमले से उनकी मौत की बात सामने आई थी.
12 सितंबर को काला बरवा निवासी 45 वर्षीय प्रेमा देवी की मौत बाघ हमले में हो गयी थी, जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शव के साथ हरनाटांड़ रेंज ऑफिस का घेराव किया था.
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