Manoharapur (Ajay Singh) : सात सौ पहाड़ियों से घिरा विश्व प्रसिद्ध सारंडा फॉरेस्ट व चिरिया माइंस से सटे सारंडा वन क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य को देखते हुए यहां पर्यटन स्थल की असीम संभावनाएं हैं. चिरिया माइंस से सटे घने साल वृक्षों से आच्छादित जंगलों के चारों ओर हरे रंग की चादर ओढ़े एवं कंटीले झाड़ियां और काले बड़े पत्थरों को चीरती हुई टेढ़े-मेढे़ रास्तों से गुजरती पानी जो अब झरना का रूप ले चुकी है, ये सभी पर्यटकों को अनायास ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं. इसे देखते ही पर्यटक यहां खींचे चले आते हैं. क्योंकि सारंडा अवस्थित चिरिया फॉरेस्ट व आसपास ढेर सारी खूबसूरती समेटे यह झरना, चिरिया कच्छी हाता से सटे घने जंगलों के बीच अवस्थित है.
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ऐसे अनेक झरने जिनका लुत्फ उठाने से नहीं चूकते पर्यटक
उल्लेखनीय है कि चिरिया में एक नहीं ऐसे अनेक झरने हैं, जिसके आसपास के इलाकों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है. वहीं, रांची, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, कटक, भुवनेश्वर, शहरों से आए पर्यटक इस कल-कल बहते पानी का लुत्फ उठाने से नहीं चूकते हैं. सारंडा वन क्षेत्र में ऐसे अनेक स्थान हैं मसलन पम्पु, रानी डूबा, डाकू लता, मुनि पहाड़, दुरदूरी नाला पिकिनिक स्पॉट आदि जिन्हें पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है. यह क्षेत्र सारंडा कि सात सौ पहाड़ीयों से घिरा सुरम्य व रमणीक पर्यटक क्षेत्र बन सकता है. लेकिन इसके बावजूद पर्यटन विभाग की नजर से यह क्षेत्र अब तक कोसो दूर है. सिर्फ इस क्षेत्र को पर्यटक के तौर पर आधुनिक रूप से विकसित करने की जरूरत है, ताकि यह अतिपिछड़ा क्षेत्र पर्यटन उद्योग के रूप में विकसित हो सके.
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