Ranchi : नेपाल में फंसे दुमका के 26 प्रवासी मजदूरों के घर लौटने का रास्ता अब साफ हो गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सकारात्मक पहल दिखाते हुए प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये हैं. इसका निर्देश मिलते ही अधिकारियों ने नेपाल सरकार के सक्षम पदाधिकारियों से बात भी की. वहीं दुमका जिला प्रशासन ने मजदूरों को वापस लाने के लिए बसों को नेपाल भेज दिया है. बस की रवानगी से पूर्व ही नेपाल सरकार की स्वीकृति ले ली गई है. नेपाल से वापस आने वाले प्रवासी मजदूरों को शनिवार 22 मई को दुमका के इंडोर स्टेडियम में लाया जाएगा, जहां इनके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी. फिर उन्हें उनके गंतव्य तक भेजा जाएगा. नेपाल गए इन मजदूरों ने सरकार से वतन वापस आने की इच्छा जताई थी. उन्होंने कहा था कि वह वापस आना चाहते हैं, लेकिन आने का कोई साधन नहीं मिल रहा है.
अधिकतर मजदूर सर्दी-खासी और बुखार से हैं पीड़ित, लगायी थी गुहार
बता दें कि करीब ढाई माह पहले हाइड्रो पावर प्लांट में टावर लगाने के काम करने एक ठेकेदार ने इन मजदूरों को दुमका से नेपाल के सिन्धुपाल चौक जिला के गेरी गांव में बुलवाया था. 26 मजदूरों में 18 मजदूर बीमार पड़ गए हैं. उनमें अधिकतर सर्दी-खासी और बुखार से पीड़ित हैं.
बसंत सोरेन और नेपाल की स्वयंसेवी संस्था ने भी मजदूरों के घर वापसी की थी पहल
इससे पहले मजदूरों के फंसे होने की जानकारी मिलने पर दुमका विधायक बसंत सोरन ने मजदूरों के घर लाने की भी पहल की थी. उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय और दुमका डीसी राजेश्वरी बी को ट्वीट कर इनके घर वापसी का प्रबंध करने और सभी मजदूरों को उचित स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को कहा था. उधर नेपाल की एक स्वयंसेवी संस्था ने भी फंसे भारतीय मजदूरों को वापस भिजवाने की व्यवस्था करने के लिए नेपाल पुलिस और भारतीय दूतावास से सम्पर्क किया था.