Satya Sharan Mishra
Ranchi: 2024 में झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाने के लिए भाजपा ने रणनीति के तहत काम शुरू कर दिया है. सभी लोकसभा क्षेत्रों के राजनीतिक, सामाजिक समीकरण के मुताबिक काम शुरू हो चुका है. ग्रासरूट लेबल पर पार्टी के अभियान का विस्तार किया जा रहा है. प्रमंडल, जिला और मंडलों में वरिष्ठ नेताओं का प्रवास और विक्षुब्ध कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है. इसे लेकर भाजपा ने 12 सूत्री एजेंडा तैयार किया है. इस एजेंडे से पार्टी अपने प्रचार अभियान को तो जमीन पर उतारेगी ही, साथ ही सभी जातियों और धर्मों के लोगों तक पैठ बनाने की भी कोशिश होगी.
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1. कमजोर क्षेत्र, मजबूत टीम- इस सूत्र के जरिये पार्टी हारी हुई सीटों में मजबूत टीम तैयार करेगी. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा झारखंड में सिंहभूम और राजमहल दो सीटें हारी थी. इन दोनों सीटों को कब्जा में करने के लिए भाजपा ने इस बार वहां मजबूत टीम बनाने की रणनीति बनाई है. क्षेत्रीय नेताओं के साथ-साथ प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के नेता यहां बीच-बीच में कैंप करते रहेंगे. इसके अलावा लोकसभा क्षेत्र में पार्टी के मजबूत नेताओं और कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी.
2. नई चुनौती, नई ताकत- इस सूत्र के जरिए भाजपा अनुभवी और युवा चेहरों को आगे लाएगी. पार्टी के अंदर कई युवा चेहरे हैं, जिनमें नेतृत्व करने की क्षमता है और इलाके में उनकी अच्छी पकड़ है. ऐसे युवाओं को पार्टी प्रमोट करेगी. उन्हें जिम्मेदारी दी जाएगी. जिन लोकसभा सीटों में 70 प्लस उम्र के सांसद हैं, वहां युवा चेहरों को चुनाव लड़ने का भी मौका मिल सकता है.
3. योग्यता और निष्ठा- इस सूत्र के जरिए पार्टी पुराने और योग्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को आगे लाएगी. जो नेता और कार्यकर्ता सालों से ईमानदारी से संगठन की सेवा कर रहे हैं. लेकिन किसी कारण से अभी हाशिये पर हैं, उन्हें सम्मान के साथ मेन स्ट्रीम में लाकर जिम्मेदारी दी जाएगी.
4. विरासत और विकासवादी एजेंडा- इस सूत्र के जरिए भाजपा प्रदेश की जनता के बीच मोदी सरकार द्वारा राज्य के विकास के लिए किए कार्यों को लेकर पहुंच रही है. सभी जाति, धर्म और संप्रदाय की विरासत और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा किये गये कार्यों को जनता को बताया जा रहा है.
5. संगठन और सामाजिक समन्वय- इसके जरिए भाजपा संगठन में भी जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को दुरुस्त करेगी. पार्टी की कार्यसमिति में सभी जातियों की उचित भागीदारी तय की जाएगी. जिस लोकसभा क्षेत्र में जिस जाति की संख्या ज्यादा है, वहां उस जाति के नेताओं की ज्यादा भागीदारी होगी और उन्हें ज्यादा जिम्मेदारियां भी मिलेगी.
6. टेक्नोलॉजी और निष्ठावान टीम – भाजपा लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान में ज्यादा से ज्यादा आधुनिक तकनीकी का उपयोग करेगी. सोशल मीडिया पर पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं की गतिविधियां बढ़ाई जाएगी. सोशल मीडिया को मजबूत हथियार के तौर पर उपयोग करने के लिए पार्टी इंटरनेट प्रोफेशनल्स को भी हायर करेगी.
7. केंद्र और राज्य सरकार की तुलना – इसके तहत भाजपा जनता के बीच जाकर मोदी सरकार की उपलब्धियों और हेमंत सरकार की नाकामियों को सामने रखने के काम करेगी. पार्टी के कार्यकर्ता गांव-गांव, घर-घर जाकर मोदी सरकार की विकास योजनाओं को सामने रखेंगे. जबकि हेमंत सरकार पर लगे भ्रष्टाचार, अवैध खनन, घोटालों के आरोपों को प्रमुखता से जनता के बीच रखा जाएगा.
8. सामाजिक विस्तार सोशल इंजीनियरिंग का ध्यान- पार्टी का सभी जातियों में जनाधार बढ़े और वो आगे भी रहे इसके लिए भाजपा सोशल इंजीनियरिंग का सहारा लेगी. इसके तहत हर लोकसभा क्षेत्र में कम से कम 10 हजार दलित परिवार को जोड़ना पहला लक्ष्य रखा गया है.
9. भेदभाव नहीं संतुलन – चुनाव प्रचार अभियान, चुनाव में नेताओं-कार्यकर्ताओं को दी जाने वाली जिम्मेदारी और टिकट बंटवारे में भाजपा संतुलन बनाने की पूरी कोशिश करेगी. किसी नेता या कार्यकर्ता के साथ कोई भेदभाव न हो यह देखा जाएगा.
10. शोर नहीं सहज संपर्क – लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ी रैली और जनसभाओं के अलावा पार्टी सहज जनसंपर्क अभियान भी चलाएगी. इसमें कोई शोर-शराबा नहीं होगा. इलाकों के जातिगत सामाजिक समीकरण के हिसाब से पार्टी बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं की लिस्ट तैयार होगी, जो कुछ कार्यकर्ताओं के साथ जाकर घर-घर संपर्क करेंगे और भाजपा को वोट देने की अपील करेंगे.
11. संपर्क अभियान सांसद, कार्यकर्ता सब समान – चुनाव प्रचार के दौरान जनसंपर्क के लिए भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की पूरी फौज उतारेगी. सांसद हों या कार्यकर्ता सबको समान जिम्मेदारी दी जाएगी.
12. सिर्फ जन संपर्क नहीं, जन-जन से संबंध – भाजपा ने जनसंपर्क के लिए बड़ी योजना तैयार की है. इसमें संघ का भी सहयोग पार्टी को मिलेगा. इसके तहत नेताओं और कार्यकर्ताओं को जनता से सिर्फ वोट नहीं मांगना है. उन्हें भाजपा की नीतियों से प्रभावित कर पार्टी से भी जोड़ना है.
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