- कांग्रेस से अलग विचारधारा वाली विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश में झामुमो नेता
- कहीं तीसरे मोर्चे के बहाने कांग्रेस से दूरी तो नहीं बना रहा झामुमो
- कांग्रेस पर प्रेशर पॉलिटिक्स, क्योंकि हेमंत ने जिन-जिन नेताओं से मुलाकात की है, सभी कांग्रेस के घोर विरोधी.
Nitesh Ojha
Ranchi : मिशन -2024 को लेकर धीरे-धीरे सियासी माहौल तैयार हो रहा है. कांग्रेस पूरे विपक्ष को भाजपा के खिलाफ एकजुट करने को बेचैन है, ताकि मोदी के विजय रथ को रोका जा सके. वहीं, भाजपा अपनी विजय पताका फहराये रखने की रणनीति पर काम कर रही है. उसकी चाहत है कि विपक्ष बिखरा-बिखरा ही रहे, ताकि कांग्रेस से सीधी टक्कर न हो. इसी बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कांग्रेस विरोधी नेताओं के साथ नजदीकियां लगातार बढ़ती दिख रही है. इसे राजनीतिक विश्लेषक कुछ अलग ही आंक रहे है. वे इसे सीएम हेमंत सोरेन के राष्ट्रीय पटल पर तीसरे मोर्चे के गठन की पहल के रूप में देख रहे हैं.
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तीन सीएम से मुलाकात कर चुके हैं हेमंत सोरेन
सीएम हेमंत सोरेन इन दिनो नई दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की. कुछ दिन पहले ही सीएम हेमंत सोरेन केरल दौरे पर थे. वहां, उन्होंने केरल के सीएम पी.विजयन से मुलाकात की थी. बीते साल तेलंगाना के सीएम केसीआर राव भी रांची आये थे. हालांकि इन सभी से मुलाकात को एक शिष्टाचार मुलाकात बताया गया. लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो जमीन हकीकत तीसरे मोर्चे के गठन को लेकर थी.
ममता ने कहा था – साथ लड़ेंगे चुनाव, लेकिन कांग्रेस को इससे दूर ही रखा
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से हेमंत सोरेन की नजदीकियां जगजाहिर हैं. ममता बनर्जी ने सिंतबर 2022 में विपक्षी एकता को लेकर बड़ा बयान तो दिया था, लेकिन कांग्रेस को इससे दूर ही रखा था. उन्होंने कहा कि वह हेमंत सोरेन, नीतीश कुमार और अन्य नेताओं के साथ मिलकर 2024 का चुनाव लड़ेंगी. आदिवासी वोटरों को भाजपा के खिलाफ एकजुट करने के लिए ममता बनर्जी अब हेमंत सोरेन सरकार की राह पर है. आदिवासियों के सरना धर्म कोड को मान्यता देने के लिए ममता बनर्जी 13 फरवरी को विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश करेगी. बता दें कि नवंबर 2020 में झारखंड विधानसभा से सरना धर्मकोड का प्रस्ताव से पारित हुआ था. ऐसा करने वाला झारखंड देश का पहला राज्य था. अब पश्चिम बंगाल भी उसी राह पर है.
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तेलंगाना सीएम केसीआर राव भी हेमंत सोरेन से मिल चुके हैं
तेलगांना के मुख्यमंत्री केसीआर राव भी बीते साल झारखंड दौरे पर आये थे. रांची में उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी. राव का भले ही यह सरकारी दौरा था. लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक तीसरे मोर्चा को लेकर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई थी. अब एक सरकारी कार्यक्रम में हिस्से लेने के लिए हेमंत सोरेन 17 फरवरी को तेलंगाना दौरे पर रहेंगे. इस दौरान हेमंत-राव की मुलाकात भी होनी है. जहां बिना कांग्रेस के तीसरे मोर्चे के गठन पर बात हो सकती है.
झारखंड में कांग्रेस पर प्रेशर पॉलिटिक्स की रणनीति
सीएम हेमंत सोरेन के तीसरे मोर्चा के गठन की पहल को कांग्रेस पर प्रेशर पॉलिटिक्स का हिस्सा भी माना जा रहा है. क्योंकि हेमंत ने जिन-जिन नेताओं से मुलाकात की है, सभी कांग्रेस के घोर विरोधी ही हैं.
- केरल में सत्तारूढ़ सीपीएम नेतृत्ववाला वाम लोकतांत्रिक मोर्चा ने ही कांग्रेस को सत्ता से बेदखल किया था. राज्य में 20 लोकसभा सांसदों में 15 सांसद कांग्रेस पार्टी के हैं.
- तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने बीते दिनों अपने गृहराज्य में रैली की थी, उसमें कांग्रेस को बुलाया ही नहीं था.
- त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भी ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस से गठबंधन से साफ मना कर दिया.
- दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल आम आदमी पार्टी ने किया था. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से भी हेमंत की मुलाकात के राजनीतिक मायने हैं.
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