Ranchi : झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थानों के विभिन्न पदों पर निर्वाचन प्रक्रिया में शुरू हो चुकी है. इसके चलते मनरेगा योजनाओं के क्रियान्वयन और मजदूरी भुगतान में बाधा आ रही है. इसे देखते हुए मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने राज्य के सभी उपायुक्त और उप विकास आयुक्त को पत्र लिख कर मजदूरी भुगतान में बिलंब को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा है. अपने पत्र में मनरेगा आयुक्त ने बिलंब से मजदूरी भुगतान होने की स्थिति में विभागीय आदेश के अनुरूप जवाबदेही निर्धारित करते हुए कार्रवाई करने की बात कही है.
मजदूरी भुगतान एफटीओ के माध्यम से किया जाना है
मजदूरी भुगतान प्रखंड स्तर से ई-एफएमएस प्रणाली के तहत एफटीओ के माध्यम से किया जाना है. जिसमें प्रथम हस्ताक्षर के रूप में संबंधित प्रखंड विकास कार्यक्रम पदाधिकारी व द्वितीय हस्ताक्षर के रूप में प्रखंड विकास पदाधिकारी सह मुख्य प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रहेंगे. मनरेगा आयुक्त के पत्र में कहा गया है कि 10 लाख तक की नई योजना की प्रशासनिक स्वीकृति संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा दी जाएगी. ज्ञात हो कि वर्तमान त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थानों में विभिन्न समितियां निष्क्रिय हो गई हैं. जिसके कारण ग्राम पंचायत के स्तर पर एफटीओ संभव नहीं है. ऐसे में विभाग की ओर से यह व्यवस्था की गयी है.
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