Ranchi : हेमंत सरकार के 2 साल पूरे होने बाद अब गठबंधन पार्टियों के कार्यकर्ताओं को बीस सूत्री क्रियान्वयन समिति में एडजस्ट करने का काम शुरू हो गया है. 15 जिलों में समिति के उपाध्यक्ष और सदस्य और प्रखंडो के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति हो गयी है. नियुक्तियों के साथ कई जिलों में विवाद भी खुलकर सामने लगे हैं. कार्यकर्ताओं की नाराजगी इतनी अधिक है कि जिनकी नियुक्ति हुई है, वे भी पदों को छोड़ रहे हैं. वहीं, शेष बचे जिलों में से कुछ में बंटवारे को लेकर कांग्रेस और जेएमएम के मतभेद की खबर है. तो कई जिलों में गठबंधन के सहयोगी आरजेडी को नाराजगी है. तय है कि बीस सूत्री के बाद अपने कार्यकर्ताओं को 15 सूत्री और निगरानी समिति में एडजस्ट करना शीर्ष नेतृत्व के लिए एक बड़ी चुनौती से कम नहीं है. बता दें कि साहेबगंज, पाकुड़, जामताड़ा, गढ़वा, लातेहार, खूंटी, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, रामगढ़, गिरिडीह, बोकारो और चतरा जिलों में बीस सूत्री उपाध्यक्ष, सदस्य एवं इन जिलों के प्रखंडों में सभी की नियुक्ति की गयी है.
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फरवरी अंत तक निगरानी और 15 सूत्री का काम हो जाएगा पूरा
बोकारो में तो नाराजगी इतनी है कि बनाये गये सदस्य इस्तीफा दे रहे हैं. वहीं, राज्य के अन्य जिलों जैसे चतरा में समिति में जगह नहीं मिलने से या फिर समिति में उचित स्थान नहीं मिलने से कार्यकर्त्ताओं में नाराजगी है. इनकी नाराजगी दूर करने के लिए प्रदेश नेतृत्व को अब निगरानी और 15 सूत्री समिति में कार्यकर्ताओं को एडजस्ट करना होगा, जो बीस सूत्री की स्थिति को देखते हुए आसान नहीं है. जानकारी यह भी है कि 15 सूत्री और निगरानी समिति में कार्यकर्ताओं को एडजस्ट करने का काम फरवरी माह के अंत तक हो जाएगा.
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बोकारो में इस्तीफा देना शुरू, तो चतरा में अल्पसंख्यक को नजरअंदाज करने का आरोप
बता दें कि बोकारो जिला के कसमार प्रखंड 20 सूत्री क्रियान्वयन समिति में जगह पाये कांग्रेस के तीन कार्यकर्ता 20 सूत्री में सदस्य के रूप में नियुक्त विमल कुमार चौबे, चास प्रखंड के सुशील कुमार झा और लाल मोहन लायक ने त्यागपत्र दे दिया है. वहीं, चतरा में बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति में अल्पसंख्यकों को उचित भागीदारी नहीं मिलने नाराजगी सामने आयी है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि बीस सूत्री के गठन में समाज के लोगों की भारी उपेक्षा की है. बारह प्रखंडों में किसी एक प्रखंड का अध्यक्ष मुस्लिम को नहीं बनाया है. जबकि यादव समाज से आठ, दो भोगता और एक पासवान व एक भूमिहार समाज को प्रतिनिधित्व दिया है.