Ranchi : विधाता कभी-कभी अजीब खेल रचता है. राज्य के कृषि एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख के साथ सोमवार को कुछ ऐसा ही हुआ. एक तरफ वह सोमवार को चेन्नई में इलाजरत मंत्री जगन्नाथ महतो की जान बचाने के लिए अपना खून दे रहे थे, दूसरी ओर उनके दादा अपनी अंतिम घड़ियां गिन रहे थे. श्री बादल के दादा मोहन लाल पत्रलेख का देहांत आज सुबह 11:00 बजे हो गया.
मंत्री बादल ने कहा कि उन्हें अपने दादाजी के निधन कि जानकारी जिस वक्त मिली, उस वक्त वे झारखंड सरकार के मंत्री जगन्नाथ महतो के लिए ब्लड डोनेट कर रहे थे. उन्होंने कहा कि यह संयोग ही है कि जगन्नाथ बाबू को बी पॉजिटिव ब्लड की आवश्यकता थी, जिसे मैं स्वयं डोनेट कर रहा था.
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बादल ने कहा- ईश्वर ने मेरे इस जन्म का आधार बननेवाले दादाजी को मुझसे छीना है, तो वहीं ईश्वर मुझ पर इतनी कृपा जरूर करेंगे, कि भाई जैसे जगन्नाथ दादा को जल्द स्वस्थ कर हमारे बीच खड़ा कर देंगे. बादल गत शनिवार को चेन्नई पहुंचे, जहां वह लगातार जगन्नाथ महतो के इलाज को लेकर झारखंड और तमिलनाडु सरकार के बीच समन्वय बना रहे है. दादाजी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए वह देर रात दिल्ली से होते हुए रांची पहुंचेंगे और उसके बाद वह अपने गांव सरवा के लिए रवाना होंगे
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