Noamundi (Chaibasa): अनिल खिरवाल की माइनिंग कंपनी पर लगे लौह अयस्क के अवैध खनन व भंडारण के आरोप का मामला गहराने लगे हैं. खनन विभाग की मंगलवार को हुई छापामारी के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने से जिला खनन विभाग पर भी मिलीभगत के आरोप लगने लगे हैं. कई पुराने गड़े मुर्दे उखाड़ने भी स्थानीय नेता जुट गए हैं. स्थानीय भाजपा नेता अशोक पान ने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि पश्चिमी सिंहभूम के नोवामुंडी बस्ती स्थित बालाजी आयरन ओर माइंस संचालक अनिल खिरवाल और जिला खनन विभाग की मिलीभगत से लाख टन से ज्यादा लौह अयस्क की हेराफेरी की गई है. अशोक पान ने गुरुवार को नोवामुंडी के बालाजी आयरन ओर माइंस और पिनाकल ट्रेडर्स के लौह अयस्क भंडारण स्थल का दौरा करने के बाद यह दावा किया.
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भाजपा नेता का आरोप, जिला खनन विभाग सभी घोटालों का सूत्रधार
भाजपा नेता ने खुलकर आरोप लगाया कि जिला खनन विभाग सभी घोटालों का सूत्रधार है. यहां सरकारी प्रावधानों को ताक में रखकर रात दिन खनन कर दो जगह अलग-अलग लौह अयस्क भंडारण करने के लावा कई छोटे-छोटे स्टॉक्स बनाए गए हैं. पान ने बताया कि इससे पहले भी बड़ाजामदा क्षेत्र में खदान की लीज समाप्ति से पहले लाखों टन लौह अयस्क अन्यत्र स्टॉक करके बेचा गया था. इसी तरह से अनिल खिरवाल की माइंस की लीज अवधि 30 अप्रैल2022 के समाप्ति से पहले पिछले तीन चार महीनों में वार्षिक खनन क्षमता 74हजार टन यानि प्रत्येक महीने 6.1 मैट्रिक टन लौह अयस्क खनन करना था. परंतु यहां खनन प्रावधानों को ताक में रखकर लाखों टन को विभिन्न प्लॉट में स्टॉक किया गया, ताकि खदान बंद हो जाने के बाद भी मनमाने मूल्य पर लौह अयस्क को बेचा जा सके.
इस तरह किया गया फर्जीवाड़ा
अशोक पान ने बताया कि इस माइनिंग घोटाले को अंजाम देने के लिए नोवामुंडी बस्ती पिनाकल ट्रेडर्स के कागजी स्टॉक 75 हजार टन के लिये विक्रेता अनिल खिरवाल ने अपने बेटे अंकित खिरवाल को लौह अयस्क का खरीदार बनाया है. यहां चारदीवारी के बाहर भी हजारों टन लौह अयस्क का भंडारण किया गया है. इसी तरह से बोकना स्थित राजश्री मिनरल स्टॉकिंग यार्ड में लगभग 50 हजार टन लौह अयस्क भंडारण किया गया है. इसमें भी परिवार के लोगों को खरीदार बनाकर फर्जीवाड़ा किया गया है.
2020 से शुरू हुई थी लौह अयस्क घोटाले की कहानी
वर्ष 2020 में अनिल खिरवाल ने सरकार के समक्ष अपनी खनन क्षमता विस्तारीकरण 74 हजार से 3 लाख टन करने का प्रस्ताव रखते हुए माइंस में लोक सुनवाई कराई. परंतु यहां सरकार ने इस छोटे से 19.331 हेक्टेयर में फैले भू-भाग में माइनिंग प्लान को रिजेक्ट करते हुए विस्तारीकरण के प्रस्ताव को रद कर दिया. इसके बाद भी खदान प्रबंधन ने क्षमता से अधिक खनन करने का काम जारी रखा. अनिल खिरवाल की माइंस की माइनिंग लीज 30 अप्रैल 2022 को समाप्त हो गई. यहां अंतिम समय में सभी खदानों की लीज खत्म होने के बाद बालाजी माइंस के लो ग्रेड लंप और फाईंस की डिमांड बढ़ी. ऐसे में खदान मालिक वृहत स्तर पर खनन कर लौह अयस्क बेचना चाह रहे थे. इस दौरान खदान बंदी होने के बाद भी बेतहाशा माइनिंग करते हुए स्टॉकिंग की गई. भाजपा नेता अशोक पान ने मामले को लेकर उच्च स्तरीय जांच कमिटी द्वारा खदान के पिछले छह महीनों की खनन प्रक्रिया का रिकार्ड लेने तथा स्टॉक का मूल्यांकन कर कार्रवाई की मांग की है.
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