Ranchi : खेल, स्वास्थ्य और शरीर से जुड़ी जानकारियां फिलहाल शिक्षा से अधिक महत्वपूर्ण माना गया है. अगर स्वास्थ्य ठीक हो, तभी विद्यार्थी का फ्यूचर ब्राइट हो सकता है. नई शिक्षा नीति में खेल, स्वास्थ्य और शरीर से जुड़ी जानकारियों को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. नई शिक्षा नीति के तहत शारीरिक शिक्षा शिक्षकों की नियुक्ति देशभर के लिए की जानी है. प्रत्येक स्कूल में एक शारीरिक शिक्षा शिक्षक की नियुक्ति करना अनिवार्य है, लेकिन राज्य सरकार शारीरिक शिक्षा शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर गंभीर नहीं दिखाई पड़ रही है.
राज्य भर में फिलहाल लगभग 6 हजार (5,982) विद्यार्थियों पर एक शारीरिक शिक्षक है. राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में एक भी शारीरिक शिक्षक नहीं है. जबकि मध्य विद्यालय और उच्च विद्यालयों में 577 शारीरिक शिक्षक हैं. कस्तूरबा में 125 साल शारीरिक शिक्षक है, जबकि राज्य भर में 260 कस्तूरबा गांधी विद्यालय है. सरकारी स्कूलों की तुलना में कस्तूरबा गांधी विद्यालय में शारीरिक शिक्षकों की स्थिति बेहतर है. शारीरिक शिक्षक निशा कुमारी ने बताया कि राज्य में कुल 35447 स्कूल हैं, प्रत्येक स्कूल में एक शारीरिक शिक्षक का होना अनिवार्य है. लेकिन हाल में राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों की बहाली के संबंध में जानकारी निकाली गई थी, जिसमें शारीरिक शिक्षा शिक्षकों के लिए कोई स्थान नहीं रखा गया था. जिसके कारण शारीरिक शिक्षक काफी नाराज हैं.
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राज्य में जल्द 35 हजार स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों की बहाली की जाएगी
हालांकि राज्य सरकार ने यह पहले ही स्पष्ट किया है कि राज्य में जल्द 35 हजार स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों की बहाली की जाएगी. नियोजन नीति के स्पष्ट नहीं होने से शारीरिक शिक्षकों की बहाली का रास्ता अब तक साफ दिखाई नहीं पड़ रहा है. हालांकि 2019 में राज्य सरकार द्वारा 577 शारीरिक शिक्षकों की बहाली की गई थी, जिसके बाद अब तक कोई बहाली नहीं की गई हैं. राज्य भर में फिलहाल कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक 42 लाख विद्यार्थी है. अब राज्य सरकार द्वारा स्कूलों को खोलने की अनुमति दे दी गई है. कोविड-19 के कारण शारीरिक शिक्षकों का स्थान पहले से अधिक महत्वपूर्ण हो गया है. क्योंकि कोविड-19 से लड़ने के लिए शारीरिक शिक्षा का ज्ञान होना अति महत्वपूर्ण है.
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कस्तूरबा गांधी स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों की स्थिति बेहतर
राज्यभर के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में कुल 85 हजार विद्यार्थी हैं. 260 विद्यालय हैं जबकि 125 शारीरिक शिक्षक हैं. कस्तूरबा गांधी विद्यालय के कोऑर्डिनेटर अनुपा तिर्की ने बताया कि जिन स्कूलों में शारीरिक शिक्षक नहीं हैं, उन स्कूलों में मैथ, हिंदी या अन्य विषय से जुड़े शिक्षकों को शारीरिक शिक्षा देने की जिम्मेवारी सौंपी गई है. हालांकि राज्य सरकार द्वारा शारीरिक शिक्षकों की बहाली जल्द की जाएगी. जिसके बाद विद्यार्थियों के स्वास्थ्य का स्तर में सकारात्मक बदलाव आएगा.
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शारीरिक शिक्षक के बहाली से बदलेगा विद्यार्थियों का जीवन
राज्य भर के 42 लाख विद्यार्थियों को फिलहाल स्वास्थ्य जुड़ी जानकारी नहीं मिल रही है. कोविड-19 के बीच लगातार स्कूल बंद रहे हैं और जैसे ही कोविड-19 का मामला कम हो रहा है, वैसे ही सरकार स्कूल दोबारा खोल रही है. हालांकि अच्छी खबर यह है कि राज्य में कोविड के कारण स्कूली बच्चे अधिक प्रभावित नहीं हुए हैं. वही सूत्रों की माने तो राज्य सरकार अगले 6 माह में शारीरिक शिक्षकों की बहाली कर सकती हैं. जिसके बाद राज्य भर के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा. इससे शिक्षा के गुणवत्ता में भी सुधार आएगा.
प्राइवेट स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों की स्थिति बेहतर
प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि प्राइवेट स्कूल में शारीरिक शिक्षक बहाल किये जाते हैं. अधिकांश स्कूलों में शारीरिक शिक्षक हैं. उन्हें खेलकूद के अलावा शरीर से जुड़ी जानकारी बच्चों को देनी पड़ती है. स्कूल एचएम पब्लिक स्कूल चुटिया में 2 घंटे शारीरिक शिक्षा से जुड़ी क्लास होती है. यह क्लास अधिकांश कक्षा 1 से लेकर आठवीं तक के बच्चों के बीच दी जाती हैं.
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